अरुण कुमार सहाय
प्रगतिशील महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में अभी भी आधी आबादी को वह स्थान नहीं मिल पाया है जिसकी वह हकदार है. राज्य में अब तक हुए 12 विधानसभा चुनावों में 2014 में सबसे ज्यादा अर्थात 20 महिला विधायक पहुंची, जो कुल 288 सीटों का सिर्फ 6.94 प्रतिशत है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो1972 का एक चुनाव ऐसा भी था कि महाराष्ट्र विधानसभा के लिए सिर्फ एक ही महिला उम्मीदवार चुनाव जीत सकीं. यह चंद्रपुर जिले की सावली विधानसभा सीट थी. जहां से कांग्रेस की यशोधरा बजाज विधानसभा पहुंची थी. जबकि 1990 के चुनाव में सिर्फ 5 महिला उम्मीदवार ही विधानसभा पहुंचीं.
बॉम्बे स्टेट से अलग होने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा का पहला चुनाव 1962 में हुआ था. इस चुनाव में 13 महिला उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी, जिसमें से 13 महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं थी. 1967 में 19 महिलाओं ने चुनाव लड़ा तथा 9 महिलाएं विधायक बनीं. 1972 में 56 महिलाओं ने चुनाव लड़ा तथा एक महिला विधानसभा पहुंची. 1978 में 51 महिला उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाया, 8 जीतीं. 1980 में 19 तथा 1985 में 16 महिलाएं चुनाव जीतीं.
दोनों चुनावों में कितनी महिलाएं चुनाव लड़ीं इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो सका. 1990 में 147 महिलाएं चुनाव लड़ी. इसमें से 6 विधानसभा पहुंची. 1995 में 247 महिलाएं चुनाव लड़ी तथा 11 जीतीं. 1999 में 86 महिलाएं लड़ी तथा 12 जीतीं. 2004 में 157 महिलाएं लड़ी और 12 विजयी हुईं. 2009 में 211 महिलाएं चुनाव लड़ी तथा 11 जीतीं और 2014 में अब तक सर्वाधिक अर्थात 277 महिलाओं ने किस्मत आजमायी तथा 20 महिलाएं विधानसभा पहुंचीं.
उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर जिले से 1972 में सावली तथा 1980 में चिमूर विधानसभा से जीतने वाली कांग्रेस की यशोधरा बजाज तथा 1990 से 2004 अर्थात लगातार चार विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने वाली महिला उम्मीदवारों में चंद्रपुर जिले के सावली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की शोभा फडणवीस का नाम प्रमुख रहा.