दिनेश मुड़े
भाजपा-सेना में गठबंधन होने की स्थिति में बुलढाणा विधानसभा सीट किसके कोटे में जाएगी, फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. वैसे, यह सीट शिवसेना के कोटे की रही है. दोनों में जब-जब गठबंधन हुआ है यह सीट शिवसेना को मिली है. पिछले चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ीं थी. इस बार गठबंधन की स्थिति में सीट बंटवारे को लेकर बुलढाणा विधानसभा पूरी तरह से उलझती नजर आ रही है.
चिखली और बुलढाणा में अदला-बदली के भी कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा ऐसी भी है कि इस बार चिखली शिवसेना को दिया जाए जबकि बुलढाणा भाजपा को. हालांकि बुलढाणा विधानसभा सीट पर हमेशा से ही शिवसेना का दावा रहा है. यहां से शिवसेना के विजयराज शिंदे तीन बार विधायक रह चुके हैं.
पिछले चुनाव में दोनों के अलग-अलग लड़ने से यह सीट कांग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल ने जीत ली थी. फिलहाल सीट की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन भाजपा-सेना के इच्छुक प्रत्याशी जोर-शोर से तैयारी में लगे हैं. कभी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बयानबाजी से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर जाता है तो कभी सीट मिलने की उम्मीद में सेना कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आने लगता है.
आगामी चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारी के लिए शिवसेना से अनेक नाम सामने आ रहे हैं जिनमें विजयराज शिंदे भी फिर से कमर कसे दिखाई दे रहे हैं. उनके अलावा पार्टी की ओर से अन्य पांच कद्दावरों के नाम भी उछल रहे हैं, जिनमें जालिंधर बुधवत, संजय गायकवाड़, भोजराज पाटिल,डॉ. मधुसूदन सावले तथा धीरज लिंगाड़े शामिल हैं. वहीं भाजपा की ओर से दो मजबूत दावेदार भी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं.
भाजपा के विधानसभा क्षेत्र प्रमुख योगेंद्र गोड़े एवं जिला अध्यक्ष ध्रुपदराव सावले प्रबल दावेदारों में शामिल हैं. शिवसेना के जिला संपर्क प्रमुख तथा सांसद प्रतापराव जाधव ने उम्मीदवारी का अंतिम निर्णय उद्धव ठाकरे द्वारा किए जाने की बात कह कर फिलहाल चर्चा को विराम दे दिया है.
एक माह पूर्व जिले के पालकमंत्री तथा राज्यमंत्री डॉ. संजय कुटे ने गठबंधन होने के साथ ही जिले में कुछ जगहों पर सीट की अदला बदली होने की बात कही थी. बुलढाणा विधानसभा में किस उम्मीदवार को अवसर दें? इस बात को लेकर शिवसेना पहले ही परेशान है. इसी प्रकार भाजपा में चिखली में भी कई इच्छुक हैं.
किसी एक को देकर अन्य कद्दावरों को नाराज नहीं किया जा सकता, इस बात को ध्यान में रख दोनों सीटें शिवसेना - भाजपा अदला-बदली कर सकती है. इस बात को लेकर कई बार वरिष्ठ स्तर पर चर्चा भी हुई है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं होने से चिखली एवं बुलढाणा विधानसभा सीट का मामला उलझता दिखाई दे रहा है.