Maharashtra Assembly Election 2019: कांग्रेस के मजबूत गढ़ में भाजपा की सेंध, जानें परतूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा समीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2019 08:19 IST2019-09-07T08:19:51+5:302019-09-07T08:19:51+5:30
कांग्रेस से पूर्व विधायक सुरेश जेथलिया और राजेश राठौड़ के नाम चर्चा में है. वैसे तो शिवसेना के भी कुछ नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. लेकिन सीट भाजपा के पास होने से वे निराश हैं.

Maharashtra Assembly Election 2019: कांग्रेस के मजबूत गढ़ में भाजपा की सेंध, जानें परतूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा समीकरण
Maharashtra Assembly Election 2019: परतूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पर हमेशा से ही कांग्रेस का वर्चस्व रहा है. संयुक्त महाराष्ट्र के गठन के बाद यहां 1962 से 2014 तक संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 6 बार विजयी हुई. जबकि भाजपा 3 बार विजयी रही है. वहीं पीडब्ल्यूपी,कांग्रेस समाजवादी तथा निर्दलीय उम्मीदवार भी इस सीट से एक-एक बार विजयी हुए.
1999, 2004 तथा 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस सीट से जीत मिली है. कांग्रेस ने 1962, 1967, 1978,1980,1990,1995 में जीत हासिल की थी. 1972 में पीडब्लू पी, 1985 में आईसीएस तथा 2009 में निर्दलीय ने बाजी मारी थी. आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा से पालकमंत्री बबनराव लोणीकर एक बार फिर मैदान में होंगे.
कांग्रेस से पूर्व विधायक सुरेश जेथलिया और राजेश राठौड़ के नाम चर्चा में है. वैसे तो शिवसेना के भी कुछ नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. लेकिन सीट भाजपा के पास होने से वे निराश हैं. ऐसे में कुछ बड़े नेता पाला बदल कर वंचित बहुजन आघाड़ी से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.
कांग्रेस लगाएगी जोर
कांग्रेस फिर से इस सीट पर काबिज होने के लिए पूरी ताकत लगाएगी. वहीं भाजपा के समक्ष सीट को बचाए रखने की चुनौती है. अभी यहां के मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसकी थाह पाना मुश्किल है. लेकिन कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव में की तैयारियों में जुट गए है.
मराठा व बंजारा जाति का वर्चस्व
परतूर-मंठा विधानसभा क्षेत्र में मराठा, बंजारा तथा मुस्लिम समाज का वर्चस्व है. इसीलिए सभी पार्टियां मराठा या बंजारा समाज के उम्मीदवार को ही प्राथमिकता देती रही है. लेकिन इस बार इस निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस से मुस्लिम समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतारने की मांग जोर पकड़ रही है. अगर मुस्लिमों की मांग को नजर अंदाज किया जाता है तो इसके भी विपरीत परिणाम कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है. बंजारा समाज के यहां पर लगभग 50 हजार मतदाता है.जबकि मराठा समाज के 60 हजार और मुस्लिम समाज के 40 हजार मतदाता हैं. मुस्लिम मतदाताओं पर वंचित बहुजन आघाड़ी की नजरें लगी हुई हैं.