भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना सहित गठबंधन के दूसरे सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला तय कर लिया. इस फॉमूले के अनुसार भाजपा प्रदेश की आधी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बाकी बची आधी सीटों में से शिवसेना को 126 और 18 पर अन्य सहयोगी दलों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे.
सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश के कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक में तय हुए इस फॉर्मूले पर अमल किया जाता है तो शिवसेना को उप मुख्यमंत्री का पद भी दिया जा सकता है. हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा शिवसेना के साथ चर्चा के बाद की जाएगी.
संभावना है कि सहयोगी दलों के कई नेताओं को पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव में उतार सकती है. इस बैठक में चुनाव के लिए उम्मीदवारों को लेकर मंथन हुआ. ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं. प्रधानमंत्री के अमेरिका से वापस लौटने के बाद रविवार को होने वाली पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में इन नामों पर चर्चा के बाद प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार पार्टी रविवार को ही 100 से अधिक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है.
भाजपा का बैकअप प्लान गुरूवार को पार्टी मुख्यालय में सुबह 11 बजे से देर रात तक चली बैठक में पार्टी ने सभी 288 सीटों पर मंथन किया. सूत्र बताते हैं कि संभावित फॉर्मूले पर बात नहीं बनने की स्थिति में पार्टी अपने दम पर चुनाव में उतर सकती है. इसके लिए उसके पास बैकअप प्लान भी है. इसी के तहत सभी सीटों पर चर्चा की गई है. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि भाजपा शिवसेना के अतिरिक्त दूसरे सहयोगी दलों के नेताओं को अपने चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतार सकती है. पार्टी के एक नेता ने बताया कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना ने अलग अलग चुनाव लड़ा था.
जानिए क्या कहते हैं सीटों के आकंड़े
भाजपा ने 260 और शिवसेना ने 282 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. तब भाजपा को 122 और शिवसेना को केवल 63 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा अपने दम पर बहुमत से 23 सीटें दूर रह गई थी. हालांकि आज स्थिति पूरी तरह अलग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फड़नवीस सरकार की लोकप्रीयता को देखते हुए यह मानकर रही है कि शिवसेना से गठबंधन करना उसकी मजबूरी नहीं है. वह बहुमत पाने के लिए अपने दम पर जनमत जुटा सकती है. हालांकि अलग-अलग चुनाव लड़ने की स्थिति में भगवा वोटबैंक विभाजन भी हकीकत है. कट सकता है कई मौजूदा विधायकों का टिकट! सूत्रों के अनुसार कई मौजूदा विधायकों का टिकट कट सकता है.
बदले जा सकते हैं 25 चेहरे
माना जा रहा है कि लगभग 25 सीटों पर चेहरे बदले जा सकते हैं. इसके पीछे सत्ता विरोधी लहर और दूसरे दलों से आए नेताओं को संतुष्ट करने का मकसद बताया जा रहा है. हालांकि सभी मौजूदा मंत्रियों को फिर से मौका दिया जाएगा. इस बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, पंकजा मुंडे, सुधीर मुंगंटिवार, गिरीश महाजन के अतिरिक्त चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और महासचिव सरोज पांडे भी शामिल हुई.