महाराष्ट्रः रत्नागिरि-नागपुर और गुहागर-विजापुर हाईवे के लिए काटे जा रहे 47 हजार पेड़, नियमों की उड़ रही हैं धज्जियां
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 2, 2020 08:32 AM2020-03-02T08:32:44+5:302020-03-02T08:32:44+5:30
रत्नागिरि-नागपुर महामार्ग की चौड़ाई 90 फुट व गुहागर-विजापुर की चौड़ाई 46 फुट है. इसके लिए दोनों ओर के हजारों पेड़ काटे जा रहे हैैं. इसके तहत सार्वजनिक निर्माण, वन विभाग, सामाजिक वनीकरण, स्थानीय नगरपालिका व ग्रामपंचायतों की सीमा में स्थित पेड़ नष्ट किए जा रहे हैैं.
संतोष भिसे की रिपोर्ट
रत्नागिरि-नागपुर और गुहागर-विजापुर हाईवे के लिए 45 हजार से अधिक पेड़ काटे जाएंगे. अब तक लगभग 20 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं. इन पेड़ों के पुनर्रोपण अथवा नए पौधे लगाने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पर्यावरण प्रेमी भी इस मुद्दे को लेकर कोई आवाज नहीं उठा रहे हैैं. रत्नागिरि-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 166) का 66 किलोमीटर हिस्सा व गुहागर-विजापुर (166 ई और एनएच 266) राजमार्ग का लगभग 190 किलोमीटर का हिस्सा सांगली जिले से गुजरता है.
रत्नागिरि-नागपुर महामार्ग की चौड़ाई 90 फुट व गुहागर-विजापुर की चौड़ाई 46 फुट है. इसके लिए दोनों ओर के हजारों पेड़ काटे जा रहे हैैं. इसके तहत सार्वजनिक निर्माण, वन विभाग, सामाजिक वनीकरण, स्थानीय नगरपालिका व ग्रामपंचायतों की सीमा में स्थित पेड़ नष्ट किए जा रहे हैैं.
इतना ही नहीं निजी खेतों में खड़े पेड़ भी काटे जा रहे हैैं. पेड़ काटने के लिए नगरपालिका, ग्रामपंचायतों की वृक्ष समितियों की अनुमति लेना अपेक्षित है, मगर यह दुखद है कि उनको नियमों की कोई जानकारी ही नहीं है. एक पेड़ काटने पर पांच नए पेड़ लगाने की शर्त है. इसके लिए ठेकेदार से जमानत राशि भी जमा करा ली गई है. पेड़ लगाने पर यह राशि वापस दी जाएगी.
लेकिन, फिलहाल ठेकेदार ने कहीं भी कोई पेड़ नहीं लगाया है. 100-200 वर्ष पुराने पेड़ इन दोनों राजमार्गों के लिए 17 हजार 779 पेड़ काटने की अनुमति वन विभाग से मांगी गई है. निजी खेतों पर स्थित लगभग 30 हजार पेड़ों का मूल्यांकन करने का अनुरोध कृषि विभाग से किया गया है.
इसके तहत कर्हाड, विटा, मिरज, नागज, पलूस, कडेगांव, आष्टा, तासगांव, भिवघाट, जत क्षेत्र के पेड़ काटे जाने हैैं. इसमें से मिरज-पंढरपुर मार्ग पर पेड़ों की कटाई तेजी से चल रही है. इनमें से कई पेड़ 100-200 वर्ष पुराने हैैं. इन पेड़ों को काटे जाने से अनेक स्थानों पर महामार्ग की सुंदरता नष्ट हो गई है.