महाराष्ट्र चुनाव :कोंकण करेगा महाराष्ट्र की सत्ता का फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 12, 2019 03:07 AM2019-10-12T03:07:15+5:302019-10-12T03:10:49+5:30
कोंकण क्षेत्र में पालघर, ठाणो, रायगढ़, मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले आते हैं. इस क्षेत्र में कुल 75 सीटें हैं.क्षेत्र में सभी आठ नगर निगमों में शिवसेना-भाजपा गठबंधन का वर्चस्व है.
अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पश्चिमी तट के साथ लगे कोंकण क्षेत्र पर सबकी नजर है क्योंकि राज्य के कुल 288 निर्वाचन क्षेत्रों में करीब एक चौथाई यानी 75 सीटें इस इलाके में हैं. यहां के परिणाम इसका फैसला करेंगे कि अगले पांच साल तक राज्य में कौन सी पार्टी शासन करेगी.
नाणार तेलशोधक, मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो ट्रेन शेड और पीएमसी बैंक घोटाला समेत अन्य मुद्दे क्षेत्र में छाए रहने की संभावना है. इस बृहद क्षेत्र का हिस्सा मुंबई में ही अकेले 36 सीटें हैं, लेकिन सबकी निगाहें वर्ली सीट पर रहेगी जहां शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे अपनी चुनावी राजनीति का आगाज करेंगे. इस क्षेत्र को शिवसेना-भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है. चुनाव के पहले विपक्षी दलों के कई नेताओं के पाला बदलने के कारण भगवा पार्टी को मजबूत स्थिति में देखा जा रहा है.
शहरीकृत क्षेत्र कोंकण में शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. कुछ छोटे दल भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का प्रयास करेंगे. कांग्रेस 75 में 44 सीटों पर लड़ रही है. इसमें मुंबई की 29 सीटें भी हैं. कांग्रेस की सहयोगी राकांपा ने मुंबई में पांच सीटों सहित 18 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. भगवा गठबंधन में शिवसेना ने इस क्षेत्र में 44 उम्मीदवारों को मुकाबले में उतारा है. पार्टी के 19 उम्मीदवार मुंबई क्षेत्र में मुकाबला करेंगे. भाजपा क्षेत्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है. भाजपा कोंकण में 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है , इसमें 17 सीटें मुंबई में है.
रत्नागिरी जिले के नानर में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना पूर्व में शिवसेना और भाजपा के बीच तल्खी का वजह बन चुकी है. शिवसेना का कहना है कि अरबों रुपए की रिफाइनरी परियोजना से कोंकण की नाजुक पारिस्थितिकी पर बुरा असर पड़ेगा.
क्षेत्र के इन जिलों में 75 सीटें
कोंकण क्षेत्र में पालघर, ठाणो, रायगढ़, मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले आते हैं. इस क्षेत्र में कुल 75 सीटें हैं.क्षेत्र में सभी आठ नगर निगमों में शिवसेना-भाजपा गठबंधन का वर्चस्व है. ठाणो, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और मुंबई में शिवसेना का दबदबा है तो भाजपा ने भी 2014 के बाद से वित्तीय राजधानी में अपनी स्थिति मजबूत की है और ठाणो तथा पालघर में भी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं.
राकांपा का जनाधार घटा
कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा का इस क्षेत्र में जनाधार कम हुआ है. लोकसभा चुनावों के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस-राकांपा के कई मौजूदा विधायक पाला बदलते हुए भाजपा या शिवसेना में चले गए.