देशभर में 15 दिनों के भीतर एक साथ चुनाव कराए जाएं ताकि लोक कार्य से किसी प्रकार का भटकाव नहीं होः नायडू
By भाषा | Published: September 26, 2019 06:03 PM2019-09-26T18:03:58+5:302019-09-26T18:03:58+5:30
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यहां ‘पुण्यभूषण’ सम्मान समारोह में कहा, ‘‘क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और आदर्श आचार संहिता लागू की जा रही है और कुछ मित्र (सांसद एवं मंत्री) इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते.... बार-बार चुनाव देश के लिए चिंता का विषय है।’’
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश में बार-बार चुनाव कराए जाने को चिंता का विषय बताते हुए पूरे देश में ‘‘एक साथ और व्यापक स्तर पर’’ चुनाव कराए जाने की वकालत की।
उन्होंने यहां ‘पुण्यभूषण’ सम्मान समारोह में कहा, ‘‘क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और आदर्श आचार संहिता लागू की जा रही है और कुछ मित्र (सांसद एवं मंत्री) इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते.... बार-बार चुनाव देश के लिए चिंता का विषय है।’’
इस मौके पर प्रसिद्ध पुरातत्वविद जी बी देगलुरकर को पुण्यभूषण सम्मान से नवाजा गया। नायडू ने कहा कि चुनाव के कारण करीब डेढ़ महीने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहती है और हर किसी को चुनाव, चयन और सुधार के फार्मूले का पालन करना होता है।
Vice President: But history is not properly projected, lot of distortions have been made by colonial rulers to show us in poor light. To kill our spirit, this happened intentionally...People who came, attacked, ruled, ruined, looted, cheated us, we're taught they're great people. https://t.co/yflmTEyN2M
— ANI (@ANI) September 26, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए देश हित में यही है कि देशभर में 15 दिनों के भीतर व्यापक स्तर पर एक साथ चुनाव कराए जाएं ताकि लोक कार्य से किसी प्रकार का भटकाव नहीं हो, वह कमजोर या धीमा नहीं हो।’’ निर्वाचन आयोग ने हाल में महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव की तारीख की घोषणा की है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि चुनाव 21 अक्टूबर को एक चरण में होगा। मतगणना 24 अक्टूबर को होगी। महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली इस विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त होगा। नायडू ने देगलुरकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुरातात्विक स्थल वे पुल होते हैं जो अतीत को वर्तमान से जोड़ते है।
उन्होंने कहा, ‘‘पुरातत्व शास्त्र आकर्षित करने वाला विषय है जो साक्ष्यों के साथ इतिहास की हमारी समझ विकसित करता है। इसी कारण, यह अन्य किसी मानव विज्ञान से अधिक विश्वसनीय हो सकता है।’’ नायडू ने कहा कि पुरातत्व विज्ञान अतीत के विभिन्न आयामों का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसमें इतिहास का पुन: निर्माण करने और उसमें सुधार करने की क्षमता है।’’ उन्होंने कहा कि पुरातत्व विज्ञान विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं की विविधता को सामने लाने में मदद करता है।