राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने शनिवार को कहा कि कथित एमएससी बैंक घोटाले में पार्टी प्रमुख शरद पवार का अकारण नाम लिए जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने 'अंतरआत्मा' की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा दिया।
शरद पवार के साथ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान भावुक अजित ने परिवार के भीतर कलह की अटकलों को भी खारिज किया। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में 25,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के संबंध में खुद पर लगे आरोपों को लेकर भी सवाल किए। अजित ने कहा, "शरद पवार किसी भी तरह से बैंक और उसके लेनदेन से दूर-दूर तक नहीं जुड़े थे। फिर भी कई दिनों से मामले के संबंध में केवल पवार साहब का ही नाम घूम रहा है।"
उन्होंने कहा, "मैं शरद पवार की वजह से उपमुख्यमंत्री के पद तक पहुंचा था। मैं परेशान था क्योंकि मुझे लगा कि मेरी वजह से उन्हें इस उम्र में बदनामी झेलनी पड़ी। मैंने अपने विवेक से काम लेते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया।" उन्होंने कहा, "अगर मेरे इस फैसले से राकांपा कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुईं तो मैं उनसे माफी मांगता हूं।"
घोटाले के आरोपों के बारे में अजीत पवार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेता सहकारी बैंक के बोर्ड के सदस्य थे, और ऋण तथा अन्य मामलों को मंजूरी देने को लेकर सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि अगर बैंक के पास जमा राशि 11,500-12,000 करोड़ रुपये थी, तो 25 हजार करोड़ रुपये का घोटाला कैसे हो सकता है।
राकांपा नेता ने कहा कि बैंक ने 285 करोड़ रुपये के मुनाफे की जानकारी दी थी। मुंबई पुलिस ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अजित पवार, शरद पवार और अन्य नेताओं के खिलाफ धनशोधन के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र विधानसभाध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। बागड़े ने कहा कि उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार का इस्तीफा शाम में मिला।
विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि पवार ने इस्तीफा देने का कारण नहीं बताया है। बागड़े ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘उन्होंने हाथ से लिखा इस्तीफा मेरे पीएस (निजी सहायक) को दिया। उन्होंने वहां से मुझे फोन किया। मैं हैरान हुआ। मैंने दादा (अजित पवार) से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। दादा ने मुझे बताया कि वह मुझे बाद में बताएंगे। उन्होंने मुझसे इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया।’’
बारामती क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अजित पवार से सम्पर्क नहीं हो सका। राकांपा के अन्य नेताओं ने भी कहा कि उन्हें अपने नेता के कदम को लेकर कोई जानकारी नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। हमें इसके (इस्तीफे) बारे में जानकारी नहीं है।’’
इससे पहले दिन में राकांपा के प्रमुख नेताओं और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के समर्थन में शहर में एकत्रित हुए। पवार ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ एक धनशोधन मामला दर्ज किये जाने के बाद यहां स्थित एजेंसी के कार्यालय जाने का निर्णय किया था। हालांकि इस दौरान अजित पवार नहीं दिखे। शरद पवार के साथ राकांपा के जो नेता थे उन्होंने बताया कि अजित पवार वर्षा प्रभावित पुणे में हैं।
अजित ने विधानसभा क्यों छोड़ी इसकी जानकारी नहीं, परिवार में कोई विवाद नहीं : पवार
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भतीजे अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के अंदर कोई विवाद नहीं है। पवार ने हालांकि कहा कि अजित के पुत्र ने उन्हें बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन मामले में राकांपा प्रमुख का नाम लेने पर महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री ‘‘बेचैन’’ थे। पवार ने यहां पत्रकारों से बातचीत में परिवार के भीतर विवाद की खबरों को भी खारिज किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई विवाद नहीं है। सभी पारिवारिक मामलों में मेरा फैसला अंतिम शब्द होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अजित से मिलूंगा तो उनसे इस निर्णय का कारण पूछूंगा।’’ पवार ने यह भी कहा कि वह एक ‘‘योद्धा’’ हैं और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के सिलसिले में उनके खिलाफ दायर धनशोधन मामला लड़ेंगे।
पवार ने कहा, ‘‘उन्होंने (अजित पवार) हममें से किसी के साथ भी इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। मेरे पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने यह फैसला क्यों लिया...उस समय से उनसे संपर्क नहीं हो सका है।’’ पवार ने कहा, ‘‘मैंने उनके पुत्र से बात की, जिन्होंने मुझे बताया कि उनके पिता बेचैन थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी वजह से उनके चाचा का नाम (शरद पवार) को बैंक घोटाले में घसीटा गया जबकि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है... ।’’ ईडी ने बैंक घोटाले के संबंध में शरद पवार, अजित पवार और 70 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।