महाराष्ट्र: बेमौसम बारिश के कारण महीने भर में 68 किसानों ने की आत्महत्या, जानें क्या कहते हैं आंकड़े
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 19, 2019 08:06 AM2019-11-19T08:06:34+5:302019-11-19T08:06:34+5:30
बीड़ जिले में सबसे अधिक मौतें बीड़ जिले में महीनेभर में सबसे अधिक 16 किसानों ने आत्महत्या की है.
मराठवाड़ा में अक्टूबर में हुई भारी बारिश और उसके बाद बेमौसम बारिश से किसानों के हाथों में आई खरीफ फसलें बर्बाद हो गईं. इससे किसानों का भारी नुकसान हुआ. इसी वजह से 14 अक्टूबर से 11 नवंबर की अवधि में 68 किसानों ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली. मराठवाड़ा में दस माह में 746 किसानों की आत्महत्या दर्ज हैं.
मराठवाड़ा में अक्टूबर में हुई वापसी की बारिश में 41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की काटने लायक हो चुकी खरीफ फसलें नष्ट हो गईं. इस बारिश में मक्का, सोयाबीन, कपास व अन्य फसलें सड़ गईं. इस आसमानी संकट की वजह से किसानों की जीने की चाह ही खत्म हो गई.
सूखे के बाद ओलावृष्टि और फिर बेमौसम बारिश के कारण हुए फसलों के नुकसान की वजह से किसान कर्जमुक्त होने के बजाय कर्जबाजारी होते जा रहे हैं. सभी किसान इस सोच में पड़े हैं कि आखिर कर्ज अदा करें तो कैसे? ऐसे में निराश होकर वे अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं.
इस जिले में सबसे ज्यादा हुईं आत्महत्याएं
बीड़ जिले में सबसे अधिक मौतें बीड़ जिले में महीनेभर में सबसे अधिक 16 किसानों ने आत्महत्या की है. औरंगाबाद जिले में 9, जालना जिले में 6, परभणी में 11, हिंगोली में 4, नांदेड़ 12, लातूर 7 तथा उस्मानाबाद जिले में 3 किसानों ने मौत को गले लगाया है. यह जानकारी विभागीय आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट से सामने आई है.