आटा के लिए बच्ची ने दानपत्र से चुराए 250 रुपये, सीएम कमलनाथ ने आर्थिक सहायता की घोषणा, कलेक्टर ने कराई जमानत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 2, 2019 06:23 AM2019-10-02T06:23:57+5:302019-10-02T06:23:57+5:30
मुख्यमंत्री कमलनाथ को जब इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने अभावग्रस्त परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की. मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए कहा कि कई बार जीवनयापन के लिए अभाव में मासूम गलत राह पकड़ लेते हैं.
सागर जिले की रहली तहसील में चक्की से आटा चोरी होने के बाद पिता की डांट से बचने के लिए मंदिर के दानपत्र से महज 250 रुपये चोरी करने वाली बालिका के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की है. उन्होंने बालिका के पढ़ाई की व्यवस्था करने की बात भी कही है. बालिका को सागर जिला कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक की पहल पर जमानत भी मिल गई है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ को जब इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने अभावग्रस्त परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की. मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए कहा कि कई बार जीवनयापन के लिए अभाव में मासूम गलत राह पकड़ लेते हैं. सागर जिले के रहली निवासी मजदूर परिवार को एक लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इसके साथ ही परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने और परिवार को राशन मुहैया कराने के निर्देश उन्होंने दिए हैं.
दरअसल मध्यप्रदेश के सागर जिले की रहली तहसील का यह मामला है. 12 साल की मासूम घर से 10 किलो गेहंू लेकर पिसवाने के लिए चक्की पहुंची थी. वहां पर चक्की मालिक ने उससे कह दिया कि उसका आटा चोरी हो गया. मासूम इस बात को सुन घबरा गई और उसे पिता की डाट का भय होने लगा. वह डाट से बचने का उपाय सोचने लगी, तभी उसके मन में टिकिटोरिया मंदिर का दानपत्र ध्यान आया और वह, वहां से मंदिर चली गई. मंदिर के दानपत्र से उने 250 रुपये की चोरी की और 180 रुपये का आटा खरीदा और चली गई. बाकी पैसे उसने अपने स्कूल बैग में रख लिए थे. मासूम ने जब दानपत्र से रुपये निकाले तो यह वारदात मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने इसकी शिकायत पुलिस को की थी, इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर शहडोल के बाल सुधार गृह में भेज दिया था. हालांकि बाद में शनिवार को बालिका को जमानत मिल गई.
कलेक्टर ने जमानत का कराया था इंतजाम
सागर की कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक को जब इस घटना का पता चला तो वे जिला न्यायालय पहुंची और बच्ची को जमानत दिलाने का इंतजाम कराया. बच्ची के पिता को रेडक्रास सोसायटी से 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दी ताकि वह उसे शहडोल से ला सके. शनिवार को किशोर न्याय बोर्ड के पीठासीन अधिकारी एवं सदस्य मौजूद नहीं थे, इसके चलते जमानत पर सुनवाई ही नहीं हो सकी थी, जिसके कारण बच्ची को शहडोल स्थित किशोर बालिका संप्रक्षण गृह भेज दिया था.सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि भोजन के इंतजाम के लिए इस बच्ची का चोरी करना बेहद दुखद है. उसके पिता को आर्थिक मदद दी गई है. पारिवारिक हालात को देखते हुए उन्हें खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा.
मासूम की मां का हो चुका है निधन
मासूम के पिता ने बताया कि उनकी पत्नी का निधन हो चुका है. उनके तीन बच्चे हैं जिनमें यह बच्ची सबसे बड़ी है. उसे बीते सप्ताह 10 किलो गेहूं पिसवाने के लिए दिए थे, जब बच्ची को चक्की वाले ने गेहूं चोरी होने की बात कहकर घर लौट जाने को कहा तब उसने डर के चलते यह कदम उठाया था.