Indore: सात बार स्वच्छता में देश का सरताज रह चुका इंदौर अब “वेस्ट से वेल्थ” की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रहा है। नगर निगम द्वारा पर्यावरणीय स्थायित्व और संसाधन पुनर्चक्रण की दिशा में किए जा रहे नवाचारों में एक नया अध्याय जुड़ा, जब ट्रेंचिंग ग्राउंड देवगुराड़िया में मृत पशुओं के वैज्ञानिक निपटान हेतु नवीन प्लांट, फायर स्टेशन और वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट का भूमि पूजन हुआ।महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस अवसर पर कहा कि “वेस्ट की प्रोसेसिंग ही इंदौर की असली ताकत बन गई है। शहर अब कचरे को बोझ नहीं बल्कि कंचन मानता है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के विजन को इंदौर ने धरातल पर मूर्त रूप दिया है और अब यह शहर स्वच्छता से सर्कुलर इकॉनमी की दिशा में अग्रसर है।
₹2 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाला वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट, पीपीपी मॉडल पर आधारित शहर का अभिनव प्रयास है। इसमें “नेकी की दीवार” और थ्री-आर (Reduce, Reuse, Recycle) केंद्रों से एकत्र अनुपयोगी कपड़ों को संसाधित कर धागे में बदला जाएगा, जिससे स्थानीय उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। नगर निगम भूमि, बिजली और सिविल कार्य की सुविधा देगा, जबकि निगम को ₹1.75 लाख मासिक राजस्व प्राप्त होगा।
महापौर ने बताया कि मृत पशुओं के वैज्ञानिक निपटान के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है ताकि जैविक अपशिष्टों का पर्यावरण अनुकूल समाधान मिले। ट्रेंचिंग ग्राउंड, जो कभी शहर की समस्या था, आज स्वच्छता और नवाचार का पर्याय बन चुका है।
“इंदौर ने वेस्ट मैनेजमेंट को अगले स्तर तक पहुंचाकर यह साबित किया है कि सतत विकास का मार्ग स्वच्छता से होकर गुजरता है,”।