बिहार में हजारों शिक्षक हड़ताल पर, जानें हड़ताली शिक्षकों की मांगे और शिक्षा मंत्री का जवाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 16, 2020 03:31 PM2020-03-16T15:31:36+5:302020-03-17T10:48:57+5:30
बिहार में पिछले एक साल से शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग उठाते रहे हैं. करीब एक महीने से प्राइमरी और मिडिल स्कूल के हजारों शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं. दोनों पक्षों के बीच अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है.
बिहार में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की हड़ताल को 28-29 दिन हो गए हैं। वही माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल भी 19 दिन से जारी है। समान काम समान वेतन व सेवा शर्त को लेकर प्रारंभिक शिक्षक 17 फरवरी से, जबकि वेतन विसंगति दूर करने और और सेवा शर्त की मांग को लेकर 40 हजार माध्यमिक शिक्षक हड़ताल पर हैं। इतने दिन बीतने के बाद भी हड़ताली शिक्षक और बिहार सरकार के बीच वार्ता की कहीं से कोई पहल नहीं हो रही है। इसके लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के अनुसार, बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा से रविवार को हुई अलग-अलग बातचीत में यह संकेत साफ-साफ मिला कि हड़ताली शिक्षकों और सरकार के बीच वार्ता को लेकर दोनों पक्षों का हाल एक जैसा है। सभी पक्ष वार्ता की पहल दूसरी ओर से चाहते हैं।
ऐसे देखना दिलचस्प होगा कि पहल कहां से होती हैं, लेकिन एक बात तय है कि पहल होगी तो वार्ता होनी तय है, हालांकि समाधान निकलना आसान नहीं दिख रहा है, क्योंकि समान वेतन का बोझ उठाने की स्थिति में सरकार खुद को सक्षम नहीं मान रही। ऊपर से शिक्षक सुप्रीम कोर्ट तक से यह लड़ाई हार चुके हैं, जहां सरकार ने 20 फीसदी बढ़ोत्तरी का शपथ पत्र जमा किया था।
हड़ताल पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि वार्ता से ही समाधान निकलता है। मैंने तो कई बार अपील की, सदन और मीडिया के माध्यम से भी बातचीत की पहल की, लेकिन शिक्षक संगठनों ने उनकी अपील ठुकरा दी। वहीं ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि हमने हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दिया तब भी वार्ता की पहल शिक्षा विभाग ने नहीं की। प्रेस में बयान देने से थोड़े होता है। उधर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि हड़ताल के लिए सरकार भी जिम्मेदार है। अभी तक वार्ता की कोई पहल उसने नहीं की है। हमलोग एकतरफा प्रस्ताव रखकते रहे हैं। वार्ता होती तो हड़ताल पर जाने की नौबत ही नहीं आती।