UPSC निकालने के बाद भी आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को देना होगा एक और ऑनलाइन टेस्ट, जानें पूरा मामला
By निखिल वर्मा | Published: March 11, 2020 12:23 PM2020-03-11T12:23:02+5:302020-03-11T12:41:16+5:30
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के नए मसौदे के तहत यूपीएससी द्वारा चयनित अधिकारियों को एक और टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा चयनित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के प्रशिक्षु अधिकारियों को एक और टेस्ट देना पड़ सकता है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अधिकारियों के ट्रेनिंग शुरू होने से पहले सिविल सर्विस परीक्षा द्वारा चयनित सभी लोगों को पूर्व-प्रशिक्षण मेटेरियल ऑनलाइन दी जाएगी। चयनित अधिकारियों को पहले ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अप्रैल-मई में नतीजे आने के बाद हर साल UPSC द्वारा चयनित अधिकारियों की ट्रेनिंग होती है जिसे फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है।
द प्रिंट में छपी खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, यह प्रक्रिया उन्हें फाउंडेशन कोर्स को केस स्टडी, फील्ड और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग पर फोकस करने देगा। साथ ही फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले ही इसके थ्योरी वाले पार्ट पूरे हो जाएंगे। इस प्रक्रिया में जो भी चयनित हुए हैं उनके ट्रेनिंग इनपुट सरकार के इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (Igot) को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
अधिकारी ने आगे कहा, हम मानते हैं कि यूपीएससी के तहत भर्तियां बड़ी कठिन प्रक्रिया के तहत होती है, हम उन्हें iGOT के तहत 'हाई आर्डर ट्रेनिंग' देना चाहते हैं। इसके अलावा जब वे फाउंडेश कोर्स के लिए आए तो उनका फोकस एप्लीकेशन बेस्ड ट्रेनिंग पर हो। अधिकारी ने कहा, उनका मूल्याकंन मानकीकृत परीक्षा के लिए किया जाएगा और उनका प्रदर्शन उनके करियर में इंट्रा-सर्विस सीनियरटी का भी निर्धारण करेगा।
सिविल सेवा से उत्तीर्ण अधिकारियों को उनका पोस्ट और कैडर उनके रैंक के आधार पर बांटा जाता है। हालांकि इसमें बदलाव भी हो सकता है। दो साल के प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों का उनके फाउंडेशन कोर्स और प्रोफेशनल कोर्स में कई बार मूल्यांकन किया जाता है। इन दो सालों के बाद उनके रैंक को अंतिम रूप दिया जाता है और इसके आधार पर उनकी वरिष्ठता बदल सकती है। अब सरकार इस प्रक्रिया में मूल्यांकन का एक और स्तर जोड़ रही है। पिछले साल मोदी सरकार ने सभी सिविल सेवा के अधिकारियों के लिए फाउंडेश कोर्स अनिवार्य कर दिया था।
पहले फाउंडेशन सिर्फ सात सिविल सेवाओं के लिए अनिवार्य था। सिविल सेवाओं को अधिक सामंजस्यपूर्ण बनाने के लिए सरकार ने पिछल साल एक कॉमन फाउंडेशन कोर्स शुरू किया था। फाउंडेशन कोर्स की तरह ही पूरे देश में 20 से ज्यादा सिविल सेवाओं के लिए भी प्री-ट्रेनिंग टेस्ट भी अनिवार्य किया जाएगा।