5 साल में ड्यूटी पर शहीद हुए अर्धसैनिक बलों के 529 जवान, 64 के परिजनों को मिली नौकरी
By भाषा | Published: March 14, 2020 07:28 AM2020-03-14T07:28:32+5:302020-03-14T07:28:32+5:30
पिछले 5 सालों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जो जवान ड्यूटी करते हुए मारे गए हैं तो उनमें से 64 के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई है.
केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि पिछले 5 साल में ड्यूटी के दौरान मारे गये अर्धसैनिक बलों के 529 जवानों में से 64 के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नौकरी दी गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित छह बल के जवानों के परिजनों को नौकरी देने की योजना के तहत आवेदनों की जांच के बाद मानकों पर खरे उतरने वाले परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी गयी।
उन्होंने नियुक्ति पाने वाले परिजनों की सूची पेश करते हुये बताया कि सीआरपीएफ के पांच साल में ड्यूटी के दौरान मारे गये 194 जवानों के 21 परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी गयी। बीएसएफ के 92 में से आठ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 131 में से 11, सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के 62 में से 16 और असम राइफल्स के ड्यूटी के दौरान मारे गए 43 जवानों में से आठ के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर नौकरी दी गयी। सूची के अनुसार केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सात जवान पिछले पांच साल में ड्यूटी के दौरान मारे गये लेकिन इनके एक भी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नौकरी नहीं मिली।