जुफर फारुकी फिर बने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, हुआ विरोध
By भाषा | Updated: March 9, 2021 22:22 IST2021-03-09T22:22:33+5:302021-03-09T22:22:33+5:30

जुफर फारुकी फिर बने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, हुआ विरोध
लखनऊ, नौ मार्च जुफर अहमद फारुकी मंगलवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुन लिये गये।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और प्रदेश के पूर्व अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने फारूकी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा विधायक अबरार अहमद को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। उधर, फारुकी ने दावा किया है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने उन्हें फोन कर बधाई दी है।
बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैयद मोहम्मद शोएब ने 'भाषा' को बताया कि राजधानी लखनऊ के बापू भवन स्थित सचिवालय में हुए चुनाव में फारुकी ने सपा प्रत्याशी इमरान माबूद खां को पांच के मुकाबले छह मतों से हराया। फारुकी चौथी बार वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं।
उन्होंने बताया कि फारूकी के नाम का प्रस्ताव मुतवल्ली कोटे से वक्फ बोर्ड के सदस्य अदनान फर्रुख ने किया जबकि सपा विधायक अबरार अहमद ने इसका समर्थन किया। फारूकी के मुकाबले मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एस. टी. हसन ने इमरान माबूद के नाम का प्रस्ताव किया और सपा के ही विधायक नफीस अहमद ने इसका समर्थन किया।
शोएब ने बताया कि बैठक में बोर्ड के सभी 11 सदस्यों ने हिस्सा लिया। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव शिवाकांत द्विवेदी इस चुनाव के पर्यवेक्षक थे।
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने सपा विधायक अबरार अहमद पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बावजूद फारूकी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।
जीलानी ने 'भाषा' से कहा कि विधायक अबरार अहमद में अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नाफरमानी कर सपा की छवि को धूमिल किया है और इससे पार्टी तथा आम लोगों में एक गलत संदेश गया है।
गौरतलब है कि जीलानी ने अखिलेश को चुनाव से कुछ दिन पहले भेजे गए संदेश में कहा था कि फारूकी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मर्जी के खिलाफ जाकर अयोध्या में बाबरी मस्जिद के बदले दी गई पांच एकड़ जमीन स्वीकार कर ली। इस बात से मुस्लिम समाज उनसे बहुत नाराज हैं और अगर सपा ने फारूकी को एक बार फिर बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने की भाजपा की कोशिश में उसका साथ दिया तो सपा को आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उधर, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष फारूकी ने दावा किया की देर शाम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने उन्हें फोन कर बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष की दुआ मिलने के बाद उन्हें अब किसी के प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।