कुंभ के लिए योगी सरकार ने रखा 2500 करोड़ का बजट, मेला के बहाने होगी राजनीति?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 3, 2018 09:47 IST2018-12-03T07:54:15+5:302018-12-03T09:47:42+5:30
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन के माध्यम से अपनी तीखी राष्ट्रवादी हिंदुत्व की राजनीति का रंग और गहरा करने का ऐतिहासिक मौका गंवाना नहीं चाहते.

कुंभ के लिए योगी सरकार ने रखा 2500 करोड़ का बजट, मेला के बहाने होगी राजनीति?
2 दिसंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले महीने प्रयागराज में शुरू होने वाले कुंभ को दुनिया के सामने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के शानदार शाहकार के तौर पर पेश करना चाहते हैं. दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक मेले के आयोजन की कमान खुद योगी ने संभाल रखी है और राज्य सरकार ने इस विशाल उत्सव के लिए 2500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित कर राजकीय खजाना खोल दिया है.
राज्य के मुख्य सचिव अनूप पांडे का कहना है कि वर्तमान में राज्य सरकार के लिए कुंभ 'शीर्ष प्राथमिकता' है, क्योंकि इसका सफल आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि से जुड़ा है. सरकार का अनुमान है कि इस बार कुंभ में लगभग 12 करोड़ दर्शनार्थी आएंगे, जिनमें से करीब 10 लाख विदेशी पर्यटक होंगे.
अफसरों में हड़कंप
कुंभ के आयोजन संबंधी कार्यों की सीधी निगरानी खुद मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने से अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है. अफसरों को यह जानकारी भी नहीं होती कि योगी कब अचानक निरीक्षण करने मेलास्थल पर पहुंच जाएं. कल ही योगी ने प्रयागराज में कुंभ के मुख्य स्नान-पवांरे पर शादी-बारात और ऐसे ही अन्य कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाकर सभी को हैरानी में डाल दिया. सरकार के इस निर्णय से सैकड़ों शादियां निरस्त करनी पड़ सकती हैं.
मौका गंवाना नहीं चाहते योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन के माध्यम से अपनी तीखी राष्ट्रवादी हिंदुत्व की राजनीति का रंग और गहरा करने का ऐतिहासिक मौका गंवाना नहीं चाहते. उन्हें यह भी पता है कि कुंभ का धार्मिक रंग राम मंदिर आंदोलन को भी गति देगा. अपने हाल के मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावी दौरों के दौरान भी योगी ने अपने तीखे हिंदुत्ववादी बयानों से साफ कर दिया है कि वे भविष्य में किस तरह की राजनीति करना चाहते हैं.