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'रामलला' के हक में फैसला आने पर गुरुओं को याद कर सीएम योगी ने दिखाई 'रामशिला', ट्वीट की शिलापूजन की पुरानी तस्वीर

By पल्लवी कुमारी | Updated: November 9, 2019 18:27 IST

अयोध्या पर फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने लिखा है, यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा।

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ठळक मुद्देयोगी आदित्यनाथ जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, उसका राम मंदिर आंदोलन में खासा योगदान रहा है।राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन रामलला को दी है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरुओं महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवेद्यनाथ और महंत रामचंद्र परमहंस को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिलापूजन की बेहद पुरानी तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में ईट पर रामशिला लिखा हुआ है। 

योगी आदित्यनाथ ने शिलापूजन समारोह की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''गोरक्षपीठाधीश्वर युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज, परम पूज्य गुरुदेव गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज एवं परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।''

योगी आदित्य नाथ के एक और ट्वीट कर लिखा, यह भारतीय चिरंतन मूल्य,सह-जीवन, सह-अस्तित्व,सहयोग और सहकार की भावना का परीक्षा काल है। सम्पूर्ण विश्व की दृष्टि भारत की तरफ है।आइये, प्रभु श्री राम के धैर्य और मर्यादा का अनुसरण करते हुए शांति,सद्भाव और समरसता को दृढ़ता प्रदान कर अपने आचरण से विश्व को प्रभु श्री राम का संदेश दें।

इसके अलावा एक और ट्वीट करते हुए सीएम योगी ने लिखा, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, उसका राम मंदिर आंदोलन में खासा योगदान रहा है। महंत दिग्विजय नाथ ने 1950-60 के दशक में राम जन्मभूमि से जुड़े सारे आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वहीं,  महंत रामचंद्र दास 90 के दशक में कोर्ट कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई थी। रामचंद्र न्यास अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए बने राम जन्मभूमि न्यास के प्रथम अध्यक्ष भी थे।

सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या विवाद पर फैसला 

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है। वहीं नयी मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड देने का निर्देश दिया है।  

टॅग्स :योगी आदित्यनाथअयोध्या फ़ैसलाराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला
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