PMC बैंक के बाद अब लंबे समय से फंड जुटाने की किल्लत से जुझ रही Yes Bank के मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ नियम लागू कर दिए गए हैं। आरबीआई के फैसले में कहा गया है कि ग्राहक 1 महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकेंगे। इसके बाद इस मामले में कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर हमला किया है।
कांग्रेस के नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार को पकोड़ानॉमिक्स के लिए धन्यवाद, जो देश के अर्थव्यवस्था की हालात को लगातार कमजोर करते जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के पिछले 6 साल के नारों की हकीकत, 2014 : 15 लाख ले लो (सभी के लिए), 2018 : पकौड़ा ले लो (बेरोजगारों के लिए), 2020 : ताला ले लो (बैंक और उद्योगों के लिए)। उन्होंने आगे लिखा कि बीजेपी की गलत वित्तीय नीतियों के चलते भारत के लोग अपने जेब से भुगत रहे हैं।
Landscape BJP slogans over past 6 years:2014: “₹15Lac Le Lo” (For very citizen)2018: “Pakoda Le Lo” (For every unemployed)2020: “Tala (Lock) Le Lo” (For every Bank & Industry)People of India are paying for BJP financial misadventures from their pocket! #yesbankcrisis— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) March 6, 2020
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी किया हमला-
इसके बाद AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल पूछा है। ओवैसी ने कहा कि पहले PMC बैंक गया और अब कमर्शियल बैंक भी इस हालत में है।
इसके साथ ही यस बैंक मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहले आईएलएफएस व दीवान जैसे नॉन बैंक देश की गिरती अर्थव्यवस्था के चपेट में आए। फिर पीएमसी जैसा एक बड़ा कॉर्पोरेटिव बैंक और फिर अब यस बैंक जैसा पहला कर्मिशियल बैंक बर्बादी के कगार पर आ गया है। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछा कि क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?
जानें राहुल गांधी ने येस बैंक के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार के बारे में क्या कहा-
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने येस बैंक के मामले को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी एवं उनके विचारों ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘येस बैंक नहीं। मोदी और उनके विचारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘भाजपा 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहले पीएमसी बैंक, अब येस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?’’ गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है।
वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह का नया ऋण वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।
No Yes Bank.Modi and his ideas have destroyed India’s economy.#NoBank— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2020
RBI ने येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को किया भंग-
भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।
रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है।
इसके साथ ही निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
रिजर्व बैंक ने देर शाम जारी बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना के अभाव, सार्वजनिक हित और बैंक के जमाकर्ताओं के हित में उसके सामने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 के तहत रोक लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।
इसने साथ में येस बैंक के जमाकर्ताओं को यह आश्वासन भी दिया कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बयान में कहा गया है कि बैंक के प्रबंधन ने इस बात का संकेत दिया था कि वह विभिन्न निवेशकों से बात कर रहा है और इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।