Yes Bank Crisis: यस बैंक के डेबिट कार्ड होल्डरों को राहत, अब किसी भी बैंक के ATM से निकाल सकेंगे पैसे
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 8, 2020 10:22 IST2020-03-08T10:22:37+5:302020-03-08T10:22:37+5:30
Yes Bank Crisis: यस बैंक पूंजी जुटाने में असफल रहा है। इसके बाद गुरुवार को रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श कर बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया और उसमें प्रशासक नियुक्त कर दिया।

यस बैंक कार्ड होल्डर्स अब किसी भी एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
संकट से जूझ रही यस बैंक के ग्राहकों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। दरअसल, अब Yes Bank के डेविड कार्ड होल्डर किसी भी बैंक के एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे। इसकी अनुमति दे दी गई है। इससे पहले ग्राहकों को पैसे निकालने के लिए बैंक की शाखाओं के सामने लंबी-लंबी कतारों में लगा हुआ देखा जा रहा था।
दरअसल, इससे पहले यस बैंक पूंजी जुटाने में असफल रहा है। इसके बाद गुरुवार को रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श कर बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया और उसमें प्रशासक नियुक्त कर दिया। बैंक के लेनदेन पर रोक लगाते हुये तीन अप्रैल तक ग्राहकों के लिये खाते से निकासी को 50,000 रुपये पर सीमित कर दिया।
यस बैंक ने केंद्रीय वित्तमंत्री और आरबीआई को टैग करते हुए शनिवार देर रात ट्वीट किया और लिखा, 'अब आप YES BANK और अन्य बैंकों के एटीएम से अपने यस बैंक के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर पैसे निकाल सकते हैं। आपके धैर्य के लिए धन्यवाद।'
इससे पहले बैंक का परिचालन बाधित होने से उद्यमी और छोटे कारोबारी भी प्रभावित हुए। इस दौरान निजी क्षेत्र के यस बैंक के ग्राहकों ने शिकायत की कि नेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है, और कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना गुस्सा निकाला कि वे अपनी धनराशि नहीं निकाल पा रहे हैं।
इसके जवाब में यस बैंक ने ट्वीट किया था, 'हम नेट बैंकिंग में लगातार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि कुछ समय बाद कोशिश करें' बैंक ने अपने टोलफ्री नंबर को भी 18002000 से बदलकर 18001200 कर दिया।
इधर, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने कहा कि संकटग्रस्त यस बैंक के पुनर्गठन के लिए बैंक को योजना का मसौदा प्राप्त हुआ है। बैंक के अधिकारी मसौदा योजना का सावधानी से अध्ययन कर रहे हैं। कई संभावित निवेशकों ने मसौदा योजना को देखने के बाद एसबीआई का रुख किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि साझेदारों के हित के साथ कोई समझौता नहीं होगा।