नई दिल्ली: येस बैंक संकट को लेकर शनिवार को कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यस बैंक की विफलता भाजपा सरकार की निगरानी में वित्त संस्थानों के कुप्रबंध का परिणाम है। चिदंबरम ने कहा कि भारत के पांचवें सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक यस बैंक के पतन पर सरकार और वित्त मंत्री ने इसको जनता और मीडिया से दूर रखने की पूरी कोशिश की परन्तु इसके बावजूद भाजपा सरकार में वित्त संस्थानों का कुप्रबंध जनता के सामने है।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने येस बैंक के मामले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘भाजपा 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहले पीएमसी बैंक, अब येस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?’’ गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है।
वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह के नये ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।