भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गयी। केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गयी है।
पारिवारिक कलह ने बैंक को डुबोया
बताया जाता है कि इस बैंक के परिवार के आपसी कलह ने इसको गर्त में पहुंचा दिया। इस बैंक की शुरु आत वर्ष-2004 में राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक राणा कपूर के साथ मिलकर की थी। अशोक कपूर की मौत 26/11 के मुंबई हमले में हो गई। इसके बाद बैंक के मालिकाना हक को लेकर अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच कलह शुरू हो गया। ये आपसी पारिवारिक कलह बैंक को ले डूबी। हर कोई अपने-अपनों का हक लेने के लिए पैंतरे चलता रहा और बैंक घाटे में जाता रहा। अब ये वक्त आ गया जब बैंक दिवालिया हो चुका है। पारिवारिक कलह और शेयर्स को बेचने के बाद येस बैंक का कपूर परिवार संकटों से घिर गया। इसके बाद येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर को पद से हटाते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि वह बैलेंस शीट की सही जानकारी नहीं दे रहे थे। इसके साथ ही आरबीआई ने येस बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए ये आरोप लगाया कि बैंक मैसेजिंग सॉफ्टवेयर स्विफ्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहा। बता दें, इस मैसेजिंग सॉफ्टवेयर 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल बैंक लेनदेन के लिए करते हैं। ये येस बैंक के दिवालिया होने का एक सबसे बड़ा कारण बना है। बैंक ने लेनदेन की नीतियों के अलग जाकर काम किया। बैंक ने उन कॉर्पोरेट ग्राहकों को लोन दिया जो घाटे में थे। जब कंपनियां दिवालिया होने लगी तब बैंक का पैसा डूब गया और नतीजन येस बैंक कंगाल हो गया।
ईडी ने येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा। गौरतलब है कि कपूर तथा अन्य के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है और छापे की कार्रवाई इसी सिलसिले में की गई। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी उनके समुद्र महल आवास पर की जा रही है। यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीम कपूर से उनके घर पर पूछताछ भी कर रही है। एजेंसी एक कॉर्पोरेट कंपनी को कर्ज देने में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी। एजेंसी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है।
येस बैंक शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार, सोशल मीडिया पर शिकायतों का अंबार
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले और मुंबई के उपनगरीय इलाके मुलुंड की एक शाखा में धन निकालने के लिए पंक्ति में खड़े एक व्यक्ति ने कहा, “यस बैंक में मेरा वेतन खाता है। मैं अपने एचआर को आज ही अपने दूसरे बैंक खाते का ब्यौरा देने जा रहा हूं, ताकि मेरा धन न फंसे।” एक अन्य ग्राहक ने कहा, “शाखा प्रबंधक ने मुझे टोकन देने से मना कर दिया क्योंकि मैं देर से पहुंचा। वे केवल 130 लोगों को टोकन दे रहे हैं।” बैंक के मुख्यालय, उसकी शाखाओं और एटीएम पर सुरक्षा भी बढ़ा गई है। बैंक का परिचालन बाधित होने से उद्यमी और छोटे कारोबारी भी प्रभावित हुए हैं। इस दौरान निजी क्षेत्र के येस बैंक के ग्राहकों ने शिकायत की कि नेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है, और कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना गुस्सा निकाला कि वे अपनी धनराशि नहीं निकाल पा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने “कनेक्शन एरर” के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए। एक ग्राहक ने ट्विटर पर लिखा कि वह अपना बचत खाता बंद करना चाहता है, लेकिन “मैं ऐसा ऑनलाइन कैसे कर सकता हूं।” इसके जवाब में यस बैंक ने ट्वीट किया, “हम नेट बैंकिंग में लगातार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि कुछ समय बाद कोशिश करें।” बैंक ने अपने टोलफ्री नंबर को भी 18002000 से बदलकर 18001200 कर दिया। हालांकि, ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक के बुधवार के आदेश से पहले तीन-चार मार्च से ही ग्राहक परेशानी का सामना करने लगे थे और उसी समय से बड़ी संख्या में ग्राहक ट्विटर पर बैंकिंग संबंधी समस्याओं की शिकायत कर रहे थे।