Year Ender 2025: चक्रवात, भूकंप से लेकर भूस्खलन तक..., विश्व भर में आपदाओं ने इस साल मचाया कहर
By अंजली चौहान | Updated: December 17, 2025 05:45 IST2025-12-17T05:45:08+5:302025-12-17T05:45:08+5:30
Year Ender 2025: जानलेवा लू और भीषण बाढ़ से लेकर शक्तिशाली भूकंप और चक्रवातों तक, 2025 में दुनिया भर में कई गंभीर प्राकृतिक आपदाएँ देखने को मिलीं।

Year Ender 2025: चक्रवात, भूकंप से लेकर भूस्खलन तक..., विश्व भर में आपदाओं ने इस साल मचाया कहर
Year Ender 2025: मानव जीवन के लिए प्राकृतिक आपदाएं सबसे ज्यादा खतरनाक होती है जो कहर बनकर इंसान पर टूटती है। साल 2025 खत्म होने की कगार पर है और इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक देश-दुनिया ने कई आपदाएं देखी जिसमें लाखों जिंदगियां चली गई। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट और डाउन टू अर्थ की क्लाइमेट इंडिया 2025 रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी से सितंबर के दौरान भारत में 99 प्रतिशत दिनों में मौसम की भयानक घटनाएं हुईं।
आइए देखते हैं कि इस साल कौन सी बड़ी जलवायु घटनाएं और प्राकृतिक आपदाएं हुईं...
1- उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन
उत्तराखंड में जानलेवा बारिश और बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। भारी बारिश और बादल फटने से देहरादून और उत्तराखंड के आस-पास के इलाकों में तबाही मच गई, जिससे कई लोग लापता हो गए। मूसलाधार बारिश से गढ़वाल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ, सड़कें, पुल, होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।
2- असम, मणिपुर में बाढ़ का कहर
इस साल जून में, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में बाढ़ आई, जिससे लगभग 8 लाख लोग प्रभावित हुए। ब्रह्मपुत्र और बराक सहित कम से कम आठ नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं।
3- जम्मू में भूस्खलन
अगस्त में, जम्मू में वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन में कई तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इस भूस्खलन के बाद चिसाटी में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज़्यादातर तीर्थयात्री थे, और कई अन्य घायल हो गए। फिर 17 अगस्त को, कठुआ जिले के जोध घाटी गांव में एक और बादल फटने से तबाही मच गई। कम से कम सात लोगों, जिनमें चार बच्चे शामिल थे, की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
4- चक्रवात मोंथा
चक्रवात मोंथा अक्तूबर में कहर बरपाने आया, जहां तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ आंध्र तट पर पहुंचा, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और तटीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बाधित हुई।
5- चक्रवात दित्वा
इस दिसंबर में चक्रवात दित्वा ने श्रीलंका में कई लोगों को प्रभावित किया, क्योंकि मरने वालों की संख्या 465 हो गई और 366 लोग लापता हो गए। श्रीलंका चक्रवात दित्वा के कारण बड़े पैमाने पर बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ढहने से जूझ रहा था, जिससे कई जिले अलग-थलग पड़ गए और देश की आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता पर गंभीर दबाव पड़ा। भारत ने चक्रवात से हुई तबाही से उबरने में श्रीलंका की मदद के लिए 28 नवंबर को ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया।
क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 के अनुसार, 1995 और 2024 के बीच दुनिया भर में मौसम की भयानक घटनाओं के कारण 8,32,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई। मौसम की भयानक स्थितियों से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों की सूची में भारत 9वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, जून से सितंबर के मानसून के मौसम के दौरान मौसम की भयानक घटनाओं में पूरे भारत में कम से कम 1,528 लोगों की जान चली गई। कुल मौतों में से 935 मौतें बाढ़ और भारी बारिश से हुईं, जबकि 570 लोग बिजली गिरने और आंधी-तूफान में मारे गए, और 22 मौतें लू लगने से हुईं।