कोलकाता: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही देश के कई राजनीतिक दल राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्त हो गए हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों यह तय करने में जुटे हैं कि उनका राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा। भले ही भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी है और संभावित नामों पर चर्चा करने के लिए आज बैठक करने की उम्मीद है, लेकिन विपक्ष को तीन अस्वीकृतियों का सामना करना पड़ा है।
इन नेताओं ने प्रस्ताव को किया अस्वीकार
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला द्वारा इसी तरह के प्रस्तावों को ठुकराने के बाद इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। लेकिन अब विपक्ष की आज की बैठक से पहले एक नया नाम सामने आता दिख रहा है और यशवंत सिन्हा का ट्वीट शायद एक संकेत हो सकता है।
यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस को कहा बाय-बाय
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे। कई दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा का नाम आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में पेश करेंगी।
ममता बनर्जी को लेकर किया ट्वीट
सिन्हा ने ट्वीट किया, "ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।" बता दें कि देश में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के वास्ते अपने संयुक्त उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए विपक्षी दलों की मंगलवार को दिल्ली में बैठक होने वाली है।