बीजेपी और अरुण जेटली साफ करें क्या है विजय माल्या से उनका रिश्ता: यशवंत सिन्हा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 12, 2018 08:20 PM2018-09-12T20:20:16+5:302018-09-12T20:24:50+5:30
विजय माल्या के सनसनीखेज दावे के आने के कुछ ही देर बाद अरुण जेटली ने माल्या के बयान का खण्डन करते हुए एक बयान जारी किया।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार (12 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और देश के मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली से विजय माल्या द्वारा किए गये दावे पर अपनी स्थिति साफ करने की माँग की है। विजय माल्या ने बुधवार को लंदन की अदालत में भारती एजेंसियों की प्रत्यपर्ण की अर्जी पर सुनवाई से पहले दावा किया कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करके बैंकों के कर्ज का मामला निपटाने की पेशकश की थी।
विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने वाले माल्या को भारतीय अदालत ने भगोड़ा करार दिया है। माल्या का बयान आने के कुछ ही देर बाद अरुण जेटली ने लिखित तौर पर बयान जारी करके माल्या के दावे का खंडन किया। जेटली ने माल्या के दावे को पूरी तरह से गलत और सच से परे बताया।
अरुण जेटली ने कहा है कि साल 2014 से अब तक उन्होंने कभी विजय माल्या को मुलाकात का वक्त नहीं दिया इसलिए उनसे मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता। विजय माल्या के बयान का खंडन करते हुए अरुण जेटली ने कहा है, "...चूँकि वो राज्य सभा के सांसद थे और कभी-कभी संसद आते थे तो उन्होंने सांसद के तौर पर मिली हुई सुविधा का लाभ उठाते हुए एक मौके पर मेरे सदन से निकलते समय तेज चाल में चलकर मेरे पास आकर कहा कि "मैं कर्ज चुकाने का प्रस्ताव देना चाहता हूँ।" उनके पुराने खोखले वादों के बारे में मुझे पहले ही जानकारी दी जा चुकी थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि "मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं आप अपने बैंकरों से बात करें।" मैंने उनके हाथ में मौजूद कागजात तक नहीं लिये।" जेटली के अनुसार इस एक मौके पर इस एक पंक्ति से ज्यादा उनकी विजय माल्या से कोई बात नहीं हुई है।
बुधवार को लंदन की अदालत में सुनवाई से पहले विजय माल्या ने पत्रकारों से कहा कि उनका मामला अदालत में है और अब वही इसका फैसला करेगी। भारतीय एजेंसियों ने लंदन की अदालत में माल्या को भारत प्रत्यार्पित करने की अर्जी दायर की थी जिसपर सुनवाई चल रही है।
Not only the finance minister, the entire BJP must come clean on its relations with Vijay Mallya.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) September 12, 2018
किंगफिशर के कर्ज में होने की बात
बुधवार को लंदन की अदालत में सुनवाई के दौरान भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के वकील ने कहा कि भारतीय बैंकों के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किंगफिशर कंपनी ने बुरी नियत के साथ बैंक से लोन लिया था।
विजय माल्या के वकील ने दावा किया कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारी ये बात जानते थे कि किंगफिशर कंपनी को घाटा हुआ है। माल्या के वकील ने कहा कि भारत सरकार का ये दावा बेबुनियाद है कि विजय माल्या की कंपनी ने बैंक से कर्ज लेते समय कंपनी को हुए घाटे को छिपाया था।
विजय माल्या के वकील ने कहा कि आईडीबीआई बैंक द्वारा उनके मुवक्किल विजय माल्या को भेजे गये ईमेल इस बात का सबूत हैं कि बैंक को माल्या की कंपनी की माली हालत के बारे में जानकारी थी।
विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर विदेश फरार हो जाने का आरोप है। भारतीय अदालत ने विजय माल्या को भगोड़ा करार दिया है।
भारतीय जाँच एजेंसियों ने विजय माल्या को लंदन से भारत लाने के लिए ब्रिटिश अदालत में अर्जी दी है जिस पर आज भी सुनवाई हुई।
62 वर्षीय माल्या के खिलाफ अप्रैल 2017 में प्रत्यर्पण वारंट जारी किया गया था।
Finance Minister Arun Jaitley's statement on Vijay Mallya's claim that he met the finance minister before he left. pic.twitter.com/oPrbZoO075
— ANI (@ANI) September 12, 2018