आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने शिक्षा विभाग को अब्दुल कलाम पुरस्कार का नाम बरकरार रखने के दिए निर्देश
By भाषा | Published: November 5, 2019 08:47 PM2019-11-05T20:47:49+5:302019-11-05T20:47:49+5:30
2015 में शुरू हुआ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार सरकारी स्कूलों के उन मेधावी छात्रों को दिया जाता है जो दसवीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इस पुरस्कार के तहत एक प्रमाणपत्र, स्मृति चिह्न और उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को स्कूली शिक्षा विभाग को एक पुरस्कार का नाम पूर्व राष्ट्रपति ‘एपीजे अब्दुल कलाम’ के नाम पर बरकरार रखने के निर्देश दिए। इससे एक दिन पहले पुरस्कार का नाम कलाम के स्थान पर रेड्डी के दिवंगत पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी के नाम पर रखने का आदेश जारी किया गया था जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया।
स्कूल शिक्षा विभाग ने सोमवार को आदेश जारी किए थे जिसमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार का नाम वाईएसआर विद्या पुरस्कार कर दिया गया। नगर प्रशासन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने पुरस्कारों के नाम में परिवर्तन के बारे में उन्हें सूचित किए बगैर स्कूल शिक्षा प्रधान सचिव बी राजशेखर द्वारा जारी आदेश पर कड़ा संज्ञान लिया है।
उन्होंने कहा कि सोमवार को जारी किया आदेश वापस लिया जाए और पुरस्कारों के लिए डॉ. कलाम का नाम बरकरार रखा जाए।’’ 2015 में शुरू हुआ यह पुरस्कार सरकारी स्कूलों के उन मेधावी छात्रों को दिया जाता है जो दसवीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इस पुरस्कार के तहत एक प्रमाणपत्र, स्मृति चिह्न और उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती है।
इस पुरस्कार का नाम 2016 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रख दिया गया था। चूंकि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार हर योजना का नाम बदल रही है और उनका नाम मुख्यमंत्री के दिवंगत पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी के नाम पर रख रही है तो ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभा पुरस्कारों का नाम वाईएसआर के नाम पर रखने का फैसला किया।