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कोझिकोड विमान हादसा: विशेषज्ञों ने बताई दुर्घटना की वजह, दो हिस्सों में टूटकर 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था एक हिस्सा

By भाषा | Updated: August 12, 2020 05:22 IST

केरल के कोझिकोड में एअर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त होकर दो हिस्सों में टूट गया था और इसका एक हिस्सा 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था।

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ठळक मुद्देविशेषज्ञों ने केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे की संभावित वजहों की जानकारी दी है।पायलटों द्वारा विमान को दूसरे हवाईअड्डे की ओर न मोड़ना हादसे का सबसे प्रमुख कारण हो सकता है।

नई दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा का झोंका, पायलटों का गलत निर्णय, हवाई पट्टी की स्थिति और लैंडिंग प्रणाली उपकरण का गलत संकेत जैसी चीजें कोझिकोड विमान हादसे की संभावित वजह हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के बीच संबंधित हवाई पट्टी पर उतरने का पहला प्रयास विफल होने के बाद पायलटों द्वारा विमान को दूसरे हवाईअड्डे की ओर न मोड़ना हादसे का सबसे प्रमुख कारण हो सकता है।

दुबई से 190 लोगों को लेकर पहुंचा एअर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान गत शुक्रवार की रात ‘टेबलटॉप रनवे 10’ पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त होकर दो हिस्सों में टूट गया था। इसका एक हिस्सा 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था। इस हादसे में दोनों पायलटों सहित 18 लोगों की मौत हो गई।

जाने-माने विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘किसी गीले रनवे पर समान दिशा में चल रही हवा के साथ उतरना मूर्खता है...मैं यह बात वर्षों से कह रहा हूं। मैंने 2011 में कहा था कि बारिश में रनवे 10 पर समान दिशा में चल रही हवा के साथ उतरना एक दिन दुर्घटना का कारण बनेगा।’’

रंगनाथन 2011 में नागरिक उड्डयन सुरक्षा सलाहकार समिति के परिचालन समूह के सदस्य थे। एक अन्य विशेषज्ञ ने दुर्घटना के संभावित कारणों की बात करते हुए ‘व्यापक रूप से मान्य स्विस चीज’ मॉडल का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई विमान हादसा कभी एक कारक पर निर्भर नहीं होता। दुनियाभर में हवाई दुर्घटनाओं की जांच से जुड़े शीर्ष दल स्विस चीज मॉडल को मानते हैं। यह कहता है कि जब किसी स्विस चीज के सभी टुकड़ों के छेद एक सीध में हो जाते हैं तभी दुर्घटना होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल कहावत है। स्विस चीज में बहुत छेद होते हैं। अगर आप स्विस चीज के टुकड़ों को एक धागे में डालकर घुमाते हैं तो दस लाख में एक बार सारे छेद एक सीध में होंगे।’’ इस संबंध में एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि दुर्घटना के कारणों में पर्यावरण कारक, मानवीय कारक, तकनीकी कारक, विमान की स्थिति, प्रशासनिक कारक और हवाई नियंत्रण कक्ष संबंधी कारक शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हवा का झोंका, पायलटों का गलत निर्णय, हवाई पट्टी की स्थिति और लैंडिंग प्रणाली उपकरण का गलत संकेत जैसी चीजें कोझिकोड विमान हादसे की संभावित वजह हो सकती हैं।

विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘कई कारण हो सकते हैं। हम अटकल नहीं लगा सकते। हवा की गति कारण हो सकती है। जब आपकी गति धीमी होती है, तो आप पर हवा का असर हो सकता है। हवा का एक झोंका तबाही पैदा कर सकता है।’’ इंडियन एअरलाइंस में उड़ान सुरक्षा एवं प्रशिक्षण के पूर्व निदेशक कैप्टन एस एस पानेसर ने कहा कि खराब मौसम में रनवे 10 पर उतरने का पहला प्रयास विफल होने के बाद पायलट को तत्काल विमान को पास के त्रिवेंद्रम या बेंगलुरु हवाईअड्डे की ओर मोड़ लेना चाहिए था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अनुसार शुक्रवार रात कोझिकोड हवाईअड्डे पर दृश्यता 2000 मीटर थी। कोझिकोड हवाईअड्डा कैट-1 श्रेणी का विमानपत्तन है जहां विमान 800 मीटर या उससे अधिक दृश्यता के साथ उतर सकते हैं। भाषा वैभव देवेंद्र देवेंद्र

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