लेखक की स्मृतियों को बचाया जाना चाहिए, विश्व पुस्तक मेले में बोले विष्णु नागर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 27, 2023 21:11 IST2023-02-27T21:11:12+5:302023-02-27T21:11:12+5:30

विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर हुए इस आयोजन में वर्ष 2021 के लिए मनोज कुमार पांडेय को उनके कहानी संग्रह बदलता हुआ देश तथा वर्ष 2022 के लिए शिरीष खरे को उनकी कथेतर कृति एक देश बारह दुनिया के लिए स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान दिए गए।

Writer's memory should be saved, said Vishnu Nagar at the World Book Fair | लेखक की स्मृतियों को बचाया जाना चाहिए, विश्व पुस्तक मेले में बोले विष्णु नागर

लेखक की स्मृतियों को बचाया जाना चाहिए, विश्व पुस्तक मेले में बोले विष्णु नागर

Highlightsविश्व पुस्तक मेले में मनोज और शिरीष को स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मानवर्ष 2021 के लिए मनोज कुमार पांडेय को उनके कहानी संग्रह बदलता हुआ देश के लिए सम्मान दिया गयावहीं वर्ष 2022 के लिए शिरीष खरे को उनकी कथेतर कृति एक देश बारह दुनिया के लिए यह सम्मान मिला

नई दिल्ली: स्मृतिविहीन होते जा रहे समाज में यह अत्यंत दुष्कर कार्य है तब भी मानवीय अर्थवत्ता के लिए इसकी जरूरत बनी रहेगी। स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सुप्रसिद्ध कवि विष्णु नागर ने कहा कि स्वयं प्रकाश सामाजिक सरोकारों वाले बड़े लेखक थे। नागर ने उनकी प्रसिद्ध कहानियों नीलकांत का सफर, गौरी का गुस्सा और पार्टीशन की चर्चा भी की। 

विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर हुए इस आयोजन में वर्ष 2021 के लिए मनोज कुमार पांडेय को उनके कहानी संग्रह बदलता हुआ देश तथा वर्ष 2022 के लिए शिरीष खरे को उनकी कथेतर कृति एक देश बारह दुनिया के लिए स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान दिए गए। वरिष्ठ कवि इब्बार रब्बी की अध्यक्षता में दोनों लेखकों को शॉल, प्रशस्ति पत्र और ग्यारह हजार रुपए की राशि भेंट की गई।

प्रशस्ति पाठ सुमन परमार और राघवेन्द्र रावत ने किया। अध्यक्षता कर रहे कवि इब्बार रब्बी ने कहा कि सम्मान के लिए जिन दोनों लेखकों का चयन किया गया है वे स्वयं प्रकाश जैसे कथाकारों की लेखन परंपरा का विकास करते हैं। उन्होंने स्वयं प्रकाश को याद करते हुए कहा कि अपनी कहानियों के लिए उन्हें कभी भूला नही  जा सकता।

सम्मानित लेखकों ने अपनी कृतियों से कुछ अंशों का पाठ किया तथा दोनों ने सम्मान स्वीकार करते हुए काशीनाथ सिंह, राजेश जोशी तथा असग़र वजाहत की चयन समिति का आभार प्रदर्शित किया। इससे पहले संयोजन कर रहे स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास के सचिव आलोचक पल्लव ने लेखक परिचय दिया और न्यास की गतिविधियों की जानकारी दी। समारोह में स्वयं प्रकाश की कहानियों के चयन रेल के सफर में का लोकार्पण भी किया गया।

अंत में न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया। आयोजन में कवि हरिओम राजोरिया, कथाकार संजय कबीर, संदीप मील, प्रो नामदेव, डॉ नीलम, प्रकाशक मीरा जौहरी, आमोद माहेश्वरी, समीक्षक मिहिर पंड्या, रश्मि भटनागर सहित पाठक और पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे।

Web Title: Writer's memory should be saved, said Vishnu Nagar at the World Book Fair

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