सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बोलीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, क्या आप खून से सना पैड लेकर दोस्त के घर जाते हैं?

By रामदीप मिश्रा | Published: October 23, 2018 03:18 PM2018-10-23T15:18:22+5:302018-10-23T15:27:56+5:30

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध हटाये जाने के बाद पहली बार खोले गये सबरीमला मंदिर के कपाट छह दिन बाद सोमवार रात में बंद कर दिए गए।

Would you take sanitary napkins soaked in menstrual blood into a friend's home says Smriti Irani on Sabarimala Temple | सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बोलीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, क्या आप खून से सना पैड लेकर दोस्त के घर जाते हैं?

सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बोलीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, क्या आप खून से सना पैड लेकर दोस्त के घर जाते हैं?

देश की सर्वोच्च अदालत (एससी) के आदेश के बावजूद भी सबरीमला मंदिर में कोई महिला प्रवेश नहीं कर पाई और एससी के आदेश का आमजन ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही साथ इस मुद्दे पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बयान दिया है।

एक कार्यक्रम में उनसे सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उपजे विवाद पर सवाल पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा, ''मुझे पूजा करने का अधिकार है, लेकिन अपवित्र करने का नहीं। मैं एससी फैसले पर बात करने वाली कोई नहीं हूं क्योंकि मैं मौजूदा केंद्रीय मंत्री हूं।'



इसके बाद उन्होंने महिलाओं से सवाल करते हुए कहा, 'क्या आप माहवारी के खून से सने सैनिटरी नैपकिन को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? तो आप उसे भगवान के घर में क्यों ले जाएंगे।'

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध हटाये जाने के बाद पहली बार खोले गये सबरीमला मंदिर के कपाट छह दिन बाद सोमवार रात में बंद कर दिए गए। हालांकि मंदिर के गर्भगृह तक रजस्वला महिलाओं के पहुंचने के आदेश का पालन नहीं कराया जा सका। 

10 से 50 साल की आयु वर्ग में कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित करीब एक दर्जन महिलाओं ने इतिहास रचने का बहादुरीपूर्ण प्रयास किया, लेकिन भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। 

सबरीमला मंदिर में 'दर्शन' के आखिरी दिन, सोमवार (22 अक्टूबर) को 'रजस्वला' आयुवर्ग की एक और महिला ने मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।

अधिकारियों ने कहा कि दलित कार्यकर्ता बिंदू पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर के निचले हिस्से में स्थित पम्बा की ओर बढ़ रही थी। पम्बा से ही श्रद्धालु मंदिर के लिए पांच किलोमीटर की चढ़ाई शुरू करते हैं। दलित कार्यकर्ता को उनके अनुरोध पर पुलिस संरक्षण प्रदान किया गया।

बिंदू केरल राज्य परिवहन निगम की बस में पुलिसकर्मियों के साथ सफर कर रही थीं। बस जब पम्बा पहुंचने वाली थी, “नैश्तिक ब्रह्मचारी” के मंदिर में 10 से 50 साल की आयु वर्ग की लड़कियों एवं महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सड़क बाधित कर दिया और उन्हें बस से उतरने के लिए बाध्य कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की तारीख पर आज निर्णय करेगा।

English summary :
Sabarimala temple row: Despite the order of India's highest court, Supreme Court (SC), no woman could enter the Sabarimala temple and the SC verdict on Sabarimala temple is being fiercely protested. Amid this growing dispute on this Sabarimala temple issue, Union Minister Smriti Irani has given a statement regarding this matter.


Web Title: Would you take sanitary napkins soaked in menstrual blood into a friend's home says Smriti Irani on Sabarimala Temple

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