World Milk Day 2023: दूध के उत्पादन में भारत सबसे आगे, 23 फीसदी हिस्से पर है कब्जा, जानें आंकड़े
By आजाद खान | Published: June 1, 2023 08:20 AM2023-06-01T08:20:00+5:302023-06-01T08:49:34+5:30
बता दें साल 1950 और 1960 के बीच भारत में भी दूध की कमी थी और हमें भी दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। ऐसे में देश भर में ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम चलाया गया जिससे भारत के दूध उत्पादम में इजाफा हुआ था।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
World Milk Day 2023: आज वर्ल्ड मिल्क डे है, ऐसे में पूरी दुनिया में आज इस दिन को मनाया जाता है और लोगों के बीच दूध को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। एक समय था जब भारत में दूध की कमी थी और हमें दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन बीते कुछ सालों में इसके उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि 1970 में जहां हर रोज 107 ग्राम प्रति व्यक्ति की खपत थी अब वही खपत काफी बढ़ गई है और यह आकड़ा अब 444 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है। इससे यह साबित होता है कि पिछले कुछ सालों में दूध के उत्पादन में हमने सफलता हासि की है। यही कारण है कि वैश्विक दूध उत्पादन में 23 फीसदी हिस्सा भारत का है।
1950 से 60 के बीच भारत में थी दूध की कमी
पशुपालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों को अगर मानेंगे तो 1950 से 1960 के बीच भारत में दूध की कमी थी और इसके लिए हमें दूसरे देश पर निर्भर रहना पड़ता था। भारत में दूध उत्पादन की दर 1960 के दशक में कम हुई थी। पहले यह 1.64 फीसदी थी और बाद में यह 1.15 फीसदी हो गई। 1950-51 में प्रति व्यक्ति दूध का सेवन 124 ग्राम प्रतिदिन था जो 1970 में यह 107 ग्राम प्रतिदिन हो गया था।
देश में डेयरी सहकारी समितियां बनाने के लिए एक बोर्ड बनाया गया था। इसका नाम राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड था और इसे 1965 में बनाया गया था। इस बोर्ड ने एक कार्यक्रम चलाया था जिसका नाम ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम था। इससे डेयरी उद्योग को मदद मिली। 1970 में इस कार्यक्रम से पूरे भारत में सहकारी समितियां फैली थी। इन समितियों का प्रकार आनंद पैटर्न कहलाता है।
दुनिया में दूध की आपूर्ति- कौन देश किस पायदान पर है
पूरी दुनिया में दूध की आपूर्ति को सही से समझने के लिए इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। ऐसे में इसके पहले हिस्से में उच्च सप्लाई वाले देश है तो इसके साथ मध्यम और कम या निम्न देश को रखा गया है। इसकी लिस्ट कुछ इस प्रकार है।
उच्च: अर्जेंटीना, अर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, कोस्टा रिका, यूरोप, इज़राइल, किर्गिस्तान, मंगोलिया और उत्तरी अमेरिका में उच्च (150 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष)
मध्यम: भारत, जापान, केन्या, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश निकट पूर्व और अधिकांश लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में (किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष)
कम या निम्न: ईरान, सेनेगल, वियतनाम, अधिकांश मध्य अफ्रीका और अधिकांश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में कम (30 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष)