विश्व पर्यावरण दिवस : पीपीई, मास्क और शील्ड..महामारी का अपशिष्ट कचरा संकट को और बढ़ाता है

By भाषा | Published: June 4, 2021 05:40 PM2021-06-04T17:40:57+5:302021-06-04T17:40:57+5:30

World Environment Day: PPE, masks and shields ..pandemic waste adds to the garbage crisis | विश्व पर्यावरण दिवस : पीपीई, मास्क और शील्ड..महामारी का अपशिष्ट कचरा संकट को और बढ़ाता है

विश्व पर्यावरण दिवस : पीपीई, मास्क और शील्ड..महामारी का अपशिष्ट कचरा संकट को और बढ़ाता है

(त्रिशा मुखर्जी)

नयी दिल्ली, चार जून प्लास्टिक और बायोमेडिकल कचरे का संकट कोविड के हर मामले के साथ गहराता जा रहा है जब लाखों लोग फेस शील्ड, सर्जिकल मास्क, दस्ताने और पीपीई सूट इस्तेमाल कर उन्हें फेंक रहे हैं जो कभी मुख्य रूप से अस्पतालों में इस्तेमाल होता है लेकिन अब हर किसी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।

शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले चिंतित विशेषज्ञों ने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को इस वैश्विक महामारी में बड़ा झटका लगा है जहां एकल प्रयोग के प्लास्टिक पर निर्भरता बढ़ रही है और घरों से टन के टन बायोमेडिकल कचरे पैदा हो रहे हैं।

वैश्विक महामारी का कूड़ा हर जगह दिख रहा है - पीपीई सूट अस्पतालों और श्मशान घाटों के पीछे फेंके पड़े हैं, सर्जिकल मास्क और शील्डों को घरों के कूड़े के तौर पर फेंका जा रहा है और निश्चित तौर पर सेनेटाइजर की बोतलें, दस्ताने और इस तरह की चीजें सड़कों के कोने में मौजूद कचरा फेंकने वाली जगहों पर देखने को मिलती हैं।

भारत में कचरा निस्तारण प्रणालियों के बेहतर न होने और बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का प्रयोग हर दिन बढ़ने के साथ प्लास्टिक कचरे के धरती पर हानिकारक प्रभाव और सुरक्षा को लेकर चिंता भी दिनों-दिन बढ़ रही है।

पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ ‘टॉक्सिक लिंक्स’ के संस्थापक निदेशक रवि अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया, “इसमें सामान्य वृद्धि हुई है और चूंकि यह संकट की स्थिति है, हम प्लास्टिक के बारे में नहीं सामान्य बचाव के बारे में सोच रहे हैं। अब ध्यान प्लास्टिक पर नहीं दिया जा रहा है, इसलिए यह एक समस्या है।”

उन्होंने कहा, “मास्क और पीपीई किट जैसा बहुत सारा बायोमेडिकल कचरा आम घरों में भी अब पैदा हो रहा है। इसलिए यह बड़ी समस्या है। ये चीजें पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश कर रही हैं। मास्क जैसी कई चीजें समुद्र तटों, प्रवाल भित्तियों आदि में दिख रही हैं।”

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक भारत ने जून 2020 से 10 मई 2021 के बीच 45,038 टन कोविड-19 बायोमेडिकल कूड़ा पैदा किया यानी हर दिन कोविड-19 संबंधी 132 टन कूड़ा पैदा हुआ।

यह कोविड-19 से पहले हर दिन उत्पन्न होने वाले 615 टन बायोमेडिकल कूड़े के अलावा है। इसका मतलब है कि केवल वैश्विक महामारी के कारण बायोमेडिकल कूड़ा उत्पन्न होने में 17 प्रतिशत वृद्धि हुई।

संक्रमित मरीजों वाले घरों और अस्पतालों से कोविड संबंधित कूड़े के अलावा, गैर कोविड घरों से ‘वैश्विक महामारी के बढ़ावे के कारण’ निकलने वाला कूड़ा भी है जिसमें न सिर्फ रक्षात्मक उपकरण शामिल हैं बल्कि प्लास्टिक के पैकेट भी शामिल हैं जहां ज्यादा से ज्यादा लोग जरूरी और गैर जरूरी खरीदारी के लिए होम डिलिवरी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मौजूदा कूड़ा निस्तारण नियमों के तहत बायोमेडिकल कूड़े को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है- पीला (बेहद संक्रामक कूड़ा जैसे इंसान, जानवर, शारीरिक, , लाल (ट्यूब, बोतल ट्यूब, सिरिंज जैसे निपटान-योग्य वस्तुओं से उत्पन्न दूषित पुनर्चक्रण योग्य कचरा), सफेद (सुइयां, सुई लगी सिरिंजों जैसे नुकीले कचरे) और नीला (दवाओं की टूटी हुई या फेंक दी गई तथा दूषित कांच के बोतल आदि)।

संक्रामक समझी जाने वाले सभी कोविड अपशिष्ट को पीले कूड़े की श्रेणी में रखा जाता है और जला दिया जाता है।

इसे दे्खते हुए, भारत इस बायोमेडिकल अपशिष्ट के अतिरिक्त बोझ से निपटने के लिए भारत अच्छी तरह से उपकरणों से लैस लगता है क्योंकि उसके पास एक दिन में 800 टन कचरा जलाने की राष्ट्रीय क्षमता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य बातों को भी ध्यान में रखना होगा।

सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरन्मेंट (सीएसई) में कार्यक्रम उपप्रबंधक सिद्धार्थ सिंह ने कहा, “इस तथ्य की तरह कि स्वास्थ्य संकट के कारण, गैर कोविड बायोमेडिकल अपशिष्ट भी बढ़ा है। दूसरा, ये कूड़ा भस्म करने वाले संयंत्र अलग-अलग किए गए कचरे के लिए बने हैं। लेकिन चूंकि कोविड अपशिष्ट अलग-अलग नहीं किया जाता, यह प्रक्रिया इन संयंत्रों की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।”

इन संयंत्रों से होने वाला उत्सर्जन और प्रदूषण कर रहा है या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि अधिकतर संयंत्रों में निगरानी प्रणालियां या तो काम नहीं कर रही हैं या उनमें खामियां हैं।

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Web Title: World Environment Day: PPE, masks and shields ..pandemic waste adds to the garbage crisis

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