नई दिल्ली( 16 मार्च): वर्ल्ड बैंक ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। इसको लेकर एक रिपोर्ट पेश की गई है जिसमें कहा गया है कि 2017 में भारत में लागू जीएसटी सबसे ज्यादा जटिल कर प्रणाली है।
पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, 115 देशों में दूसरा सबसे ज्यादा टैक्स लेने वाला देश भारत है। 1 जुलाई, 2017 को मोदी सरकार देशभर में जीएसटी लागू किया था और इसमें 5 स्लैब (0, 5, 12, 18 और 28 फीसद) बनाए गए हैं। इसके हिसाब से ही सभी चीजों की सर्विस और टैक्स का प्रावधान तय किया गया है। वहीं, सरकार ने कई सामानों और सेवाओं को इसससे बाहर भी रखा है।
‘लाइव मिंट’ के मुताबिक, रिपोर्ट में शामिल देशों में भारत की तरह ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू है। जिसमें भारत के टैक्स लागू प्रकरण को अधिक बताया गया है। वहीं, जीएसटी को देखते हुए अगर सोने की कीमत की बात की जाए तो इस पर पत्थरों पर 0.25 फीसद के रेट से टैक्स लगाया गया है। वहीं,शराब, पेट्रोलियम उत्पाद और रियल एस्टेट को GST से बाहर रखा गया है। 6 माह पेश होने वाली अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ के जरिए अपनी ये राय पेश की है। ऐसा नहीं है कि केवल भारत में ही जीएसटी लागू है भारत के अलावा दुनिया में 115 देशों में GST लागू हैं। इनमें से 49 देशों में 1 स्लैब और 28 देशों में 2 स्लैब की व्यवस्था हैं। भारत सहित केवल 5 देशों में ही GST के तहत 5 स्लैब हैं। भारत के अलावा इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना शामिल हैं। वर्ल्ड बैंक ने जीएसटी के बाद टैक्स रिफंड की धीमी रफ्तार पर अपनी भी चिंता जताई है। उन्होंने खर्च को लेकर भी सवाल उठाए हैं और भविष्यको लेकर स्थिति सुधारने की बात कही है।