जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, भ्रष्ट, ड्रामा, पाखंड जैसे शब्द अब असंसदीय, संसद में नहीं बोल सकेंगे सांसद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 14, 2022 11:24 AM2022-07-14T11:24:35+5:302022-07-14T11:25:50+5:30
संसद के दोनों सदनों में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के लिए नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। इसके तहत नए असंसदीय शब्दों की लिस्ट तैयार हुई है। इस शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह पर बैन होगा। इनमें जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, दादागीरी जैसे शब्द शामिल हैं।
नई दिल्ली: संसद में किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है उसकी एक मर्यादा होती है हालांकि कई बार ये देखा गया है कि कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल होता है जिन्हें बाद में रिकार्ड से हटाना पड़ता है। अब संसद के दोनों सदनों में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के लिए नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। इसके तहत असंसदीय शब्दों की लिस्ट तैयार हुई है। इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह बैन होगा।
असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत बनाई गई इस लिस्ट मेंं ऐसे शब्दों और वाक्यों का जिक्र है जिन्हे असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। इनमें जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, दादागीरी जैसे शब्द शामिल हैं।
सचिवालय ने जारी की है अमर्यादित शब्दों की बुकलेट
इन शब्दों के सदन में इस्तेमाल पर बैन के साथ ही सदन में निशाना साधने के लिए इस्तेमाल होने वाले कुछ शब्द और आम बोलचाल के भी कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर रोक होगी। दोहरा चरित्र,निकम्मा, नौटंकी जैसे शब्दों को भी असंसदीय शब्दों की लिस्ट में शामिल किया गया है। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई बुकलेट के अनुसार ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे। ये बुकलेट सभी सांसदों को भेजी गई है।
विपक्षी सांसदों ने की आलोचना
संसद में शब्दों के इस्तेमाल पर नई गाइडलाइन जारी होने के बाद विपक्षी सांसदों ने इसकी आलोचना की है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, आप मुझे निलंबित कर दीजिए। उन्होंने कहा कि मुझे निलंबित कर दीजिए, लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा।'
Session begins in a few days
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) July 14, 2022
GAG ORDER ISSUED ON MPs.
Now, we will not be allowed to use these basic words while delivering a speech in #Parliament : Ashamed. Abused. Betrayed. Corrupt. Hypocrisy. Incompetent
I will use all these words. Suspend me. Fighting for democracy https://t.co/ucBD0MIG16
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए ।
You mean I can’t stand up in Lok Sabha & talk of how Indians have been betrayed by an incompetent government who should be ashamed of their hypocrisy? https://t.co/LYznOtsHFe
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 13, 2022
नियम 380 के मुताबिक अमर्यादित शब्दों को हटाया जाता है
18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है जिन्हें लोकसभा,राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था।
बता दें कि लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है तो सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं। नियम 381 के अनुसार, सदन की कार्यवाही का जो हिस्सा हटाना होता है, उसे चिन्हित करने के बाद कार्यवाही में एक नोट इस तरह से डाला जाता है कि अध्यक्ष के आदेश के मुताबिक इसे हटाया गया।