चंद्रबाबू नायडू प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूट-फूट कर रोए, कहा- 'सत्ता में लौटने तक विधानसभा में कदम नहीं रखूंगा'
By भाषा | Updated: November 19, 2021 22:00 IST2021-11-19T20:22:17+5:302021-11-19T22:00:23+5:30
टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि वे आंध्र प्रदेश विधानसभा उस समय तक कदम नहीं रखेंगे, जब तक उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आ जाती। उन्होंने आरोप लगाया राजनीतिक विवाद में उनकी पत्नी को बेवजह खींचा जा रहा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूट-फूट कर रोने लगे चंद्रबाबू नायडू (फोटो- वीडियो ग्रैब)
अमरावती: तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को संकल्प लिया कि सत्ता में लौटने तक वह आंध्र प्रदेश विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे। उन्होंने यहां तेदेपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "तब तक हम लोगों के पास जाएंगे और इसका समाधान करेंगे।"
पूर्व मुख्यमंत्री संवाददाता सम्मेलन में भावुक हो गए और थोड़ी देर रोते दिखे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस उन्हें लगातार अपमानित कर रही है।
तेदेपा प्रमुख ने कहा, "यह वाईएसआरसी के अत्याचारी शासन के खिलाफ एक धर्म युद्ध है। मैं लोगों के पास जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा। अगर लोग सहयोग करते हैं, तो मैं राज्य को बचाने का प्रयास करूंगा।"
#WATCH | Former Andhra Pradesh CM & TDP chief Chandrababu Naidu breaks down at PC in Amaravati
— ANI (@ANI) November 19, 2021
He likened the Assembly to 'Kaurava Sabha' & decided to boycott it till 2024 in protest against 'ugly character assassinations' by YSRCP ministers & MLAs, says TDP in a statement pic.twitter.com/CKmuuG1lwy
'मेरी पत्नी को निशाना बनाया जा रहा, ये नहीं सह सकता'
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष ने सदन में भावुक स्वर में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगातार इस्तेमाल किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं। नायडू ने कहा, "पिछले ढाई साल से मैं लोगों के भले की वजह से अपमान सह रहा हूं, लेकिन शांत रहा। आज, उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है। मैं हमेशा सम्मान के लिए और सम्मान के साथ रहा। मैं इसे और नहीं सह सकता।"
विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा। सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की टिप्पणी को "नाटक" करार दिया। कृषि क्षेत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने निराशा व्यक्त की।
बाद में, उन्होंने अपने कक्ष में अपनी पार्टी के विधायकों के साथ अचानक बैठक की, जहां वह कथित तौर पर अत्यंत भावुक हो गए। तेदेपा के स्तब्ध विधायकों ने नायडू को सांत्वना दी, जिसके बाद वे सभी सदन में वापस आ गए। नायडू ने तब अपने फैसले की घोषणा की और कहा, "सत्ता में लौटने तक" वह विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे।
जगन मोहन रेड्डी ने बताया नाटक
बाद में, सदन में पहुंचे मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि विपक्षी नेता का व्यवहार और शब्द नाटक के अलावा और कुछ नहीं हैं। रेड्डी ने कहा, "चंद्रबाबू हर चीज से केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका नाटक सभी को दिखाई दे रहा था, हालांकि मैं उस समय सदन के अंदर नहीं था।"
उन्होंने कहा, "हां, चंद्रबाबू नायडू हताशा में हैं, यह न केवल मुझे, बल्कि राज्य के सभी लोगों को भी पता है। राज्य के लोगों ने उन्हें खुले तौर पर खारिज कर दिया है। यहां तक कि उनके कुप्पम निर्वाचन क्षेत्र में भी, लोगों ने उन्हें अकल्पनीय रूप से खारिज कर दिया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाईएसआरसी के विधायकों ने (नेता विपक्ष के) परिवार के सदस्यों के बारे में कुछ नहीं कहा।
रेड्डी ने कहा, "यह खुद चंद्रबाबू थे जिन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों (दिवंगत चाचा, मां और बहन) के बारे में बात की थी और हमारी तरफ से उनके परिवार का कोई संदर्भ नहीं था। सदन के रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से साबित करते हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन खुद चंद्रबाबू ने आवश्यकता से अधिक प्रतिक्रिया की तथा भावुक हो गए और ‘‘न सिर्फ यह, बल्कि उन्होंने एक संकल्प भी ले लिया। लेकिन अंतत:, ऊपर से भगवान यह सब देख रहे होंगे।