महिला कोविड-19 योद्धाओं के सामने तनाव, खराब फिटिंग वाली पीपीई किट की समस्याएं : अध्ययन

By भाषा | Published: October 3, 2021 10:45 AM2021-10-03T10:45:27+5:302021-10-03T10:45:27+5:30

Women Kovid-19 warriors face stress, problems with poorly fitting PPE kits: Study | महिला कोविड-19 योद्धाओं के सामने तनाव, खराब फिटिंग वाली पीपीई किट की समस्याएं : अध्ययन

महिला कोविड-19 योद्धाओं के सामने तनाव, खराब फिटिंग वाली पीपीई किट की समस्याएं : अध्ययन

पालघर, तीन अक्टूबर अस्पताल में मरीजों की देखभाल के साथ ही घरेलू कामकाज की चिंता, कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का डर, खराब फिटिंग वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), परिवहन और साफ-सफाई संबंधी सुविधाओं की कमी जैसे कुछ मुद्दों का सामना महिला ‘कोविड-19’ योद्धाओं ने महामारी खासतौर से लॉकडाउन के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुए किया। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

‘लॉकडाउन के बीच कोरोना योद्धाओं के फील्ड पर लिंग आधारित मुद्दों के अध्ययन’ शीर्षक वाले अध्ययन में यह कहा गया है। यह अध्ययन पालघर जिला आपदा प्रबंधन शाखा के प्रमुख विवेकानंद कदम और सारिका कदम ने कराया। हाल में इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट पत्रिका में प्रकाशित किया गया।

हालांकि यह सर्वेक्षण पालघर जिले में किया गया लेकिन अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि ये समस्याएं अन्य जगह भी पायी गयीं। अध्ययन में उन समस्याओं के बारे में बात की गयी है जिनका सामना महिला कोरोना योद्धाओं ने महामारी के दौरान किया और इसमें इन मुद्दों से निपटने के सुझाव भी दिए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि महिला कोविड-19 योद्धाओं को घर और कार्यस्थल के बीच संघर्ष करना पड़ता है। उन्हें परिवार में बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करनी पड़ती है और साथ ही पेशेवर कर्तव्य का भी निर्वहन करना पड़ता है जिससे उनमें मानसिक तनाव बढ़ता है। कार्यस्थल पर श्रमशक्ति की कमी उनकी परेशानियों को बढ़ाती है। ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आने का डर हमेशा उनके मन में रहता है।

अध्ययन में कहा गया है कि उन्हें माहवारी और कार्यस्थल पर सैनिटरी पैड की अनुपलब्धता से संबंधित मुद्दों का भी सामना करना पड़ता है। इन महिलाओं को समय पर भोजन और आराम न मिलने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। खराब फिटिंग वाली पीपीई किट, उचित परिवहन सुविधाओं की कमी और वित्तीय समस्याएं भी उनकी परेशानियों को बढ़ाती हैं।

श्रीलंका की शोधार्थी माधवी मलालगौडा अरियाबंदू के मार्गदर्शन में यह अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में न केवल समस्याओं का जिक्र किया गया है बल्कि उनके समाधान ढूंढने की कोशिश भी की गयी है। इसमें कहा गया है कि महिला स्वास्थ्य कर्मियों को कार्यस्थल पर, खासकर गांवों में काम के दौरान सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाने चाहिए और उनके लिए अलग वॉशरूम की सुविधा होनी चाहिए।

अध्ययन के अनुसार, महिलाओं को दिन में काम से कम से कम दो घंटे का आराम दिया जाना चाहिए। महिला योद्धाओं के लिए खास पीपीई किट बनानी भी आवश्यक है क्योंकि कई महिला डॉक्टरों और नर्सों को खराब फिटिंग वाली पीपीई किट पहननी पड़ती है तथा माहवारी के दौरान इन्हें पहनना और भी मुश्किल हो जाता है।

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Web Title: Women Kovid-19 warriors face stress, problems with poorly fitting PPE kits: Study

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