शीत सत्र: राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस देने का बढ़ा समय
By भाषा | Published: December 11, 2018 06:31 PM2018-12-11T18:31:48+5:302018-12-11T18:31:48+5:30
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों की सर्वदलीय बैठक में बताया कि शून्य काल के लिये ऑनलाइन नोटिस देने की कामयाबी के बाद अब नोटिस देने की अवधि आधा घंटा पहले कर दी गयी है।
राज्यसभा में सदस्यों को शून्य काल के दौरान किसी विषय पर चर्चा के लिये अब सुबह साढ़े नौ बजे तक सभापति के समक्ष नोटिस देना होगा।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों की सर्वदलीय बैठक में बताया कि शून्य काल के लिये ऑनलाइन नोटिस देने की कामयाबी के बाद अब नोटिस देने की अवधि आधा घंटा पहले कर दी गयी है। यह व्यवस्था मंगलवार से शुरु हुये संसद के शीतकालीन सत्र से लागू हो गयी है।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा सर्वदलीय बैठक के बारे में जारी बयान के अनुसार नायडू ने सभी दलों के नेताओं को बताया कि पिछले सत्र में शून्य काल के लिये ई नोटिस की व्यवस्था को कामयाबी से लागू करने के बाद यह बदलाव किया गया है। उन्होंने बताया कि अब शून्य काल में चर्चा कराने के सदस्यों के नोटिस सुबह दस बजे के बजाय साढ़े नौ बजे तक स्वीकार किये जायेंगे।
इससे सभापति को चर्चा के लिये प्राथमिकता के आधार पर नोटिसों को बेहतर तरीके से सूचीबद्ध करने के लिये अतिरिक्त समय मिल सकेगा। बैठक में नेता सदन और वित्त मंत्री अरुण जेटली और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नायडू ने सभी दलों के नेताओं से शीतकालीन सत्र में अधिक से अधिक विधायी कार्य सम्पन्न कराने में यथासंभव सहयोग की अपील की। सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने नायडू को सदन की सुचारु कार्यवाही के संचालन में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। उल्लेखनीय है कि अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को शुरु हुआ शीतकालीन सत्र अंतिम पूर्ण सत्र है।