बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की शुरुआत विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हो गया. इस दौरान विधानसभा के बाहर विपक्ष ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया. जेएनयू के मुद्दे पर विपक्ष ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही साथ वाम दल के साथ कांग्रेस और राजद ने जेएनयू के समर्थन में प्रस्ताव पारित करने की सीएम नीतीश कुमार से मांग की है. उन्होंने कहा है कि बिहार विधानसभा जेएनयू के समर्थन में प्रस्ताव पास करें.
वहीं, विधानसभा कार्यवाही शुरू होने के बाद दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई, फिर इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सोमवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही शु्रू होने से पहले विपक्ष ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. सदन की कार्यवाही शु्रू होने से पहले कई तरह की तस्वीरें सामने आईं. जहां विपक्ष ने जेएनयू प्रकरण को लेकर विधानसभा परिसर में जमकर नारेबाजी की और सरकार पर हमला बोला तो वहीं भाजपा के विधानपार्षद संजय पासवान साइकिल चलाते हुए सदन पहुंचे और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया. तो वहीं, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव के सदन पहुंचते ही उनके साथ सेल्फी खिंचवाने की भी होड लगी रही.
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बडे भाई तेजप्रताप यादव सदन की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे. हालांकि तेजस्वी यादव को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह तंज कसा. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिछले सत्र में अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया इसलिए उनके ऊपर बडा प्रश्न चिन्ह लगा था. इस बार उसी को देखते हुए वे विधानसभा पंहुचे थे. उन्होंने कहा कि भगवान सदबुद्धि दे कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और जनहित से जुडे मुद्दे को सरकार की नोटिस में लाएं.
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विधान परिषद पहुंचे और सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज की. सभापति हारुण रशीद ने सदन को संबोधित करते हुए जलवायु की समस्या को गंभीर समस्या बताया और सरकार द्वारा चलाये गए जल जीवन हरियाली योजना की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह योजना बिहार में जलवायु बचाने में सफल रहेगा और यह योजना दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल साबित होगी. यहां बता दें कि जवाहर लालू नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढोतरी के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर विरोध जताया था.
सुशील मोदी ने कहा है कि फीस बढोतरी इतना बडा मुद्दा नहीं है, बल्कि कैम्पस में बीफ पार्टी करने वाले शहरी नक्सली गरीब छात्रों को गुमराह करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं. इस दौरान विधानसभा में आज द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अनुपूरक बजट पेश कया. इस बजट के मुताबिक 2019-20 का द्वितीय अनुपूरक बजट 12,457.6190 करोड रुपये का है. विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में राज्यपाल द्वारा सदन नहीं रहने की अवधि में जारी अध्यादेशों की प्रमाणिक प्रतियां सदन पटल पर रखी गयी.
विधानसभा कार्यवाही आज शुरू होने पर विधान सभाध्यक्ष विजय चौधरी ने शोक प्रस्ताव पढा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 'लोकतंत्र विमर्श आपसी समझदारी भरोसा करता है.' इसके बाद सदन ने दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद विजय चौधरी ने सदन की कार्यवाही सोमवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले विधान मंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति को पुष्पगुच्छ देकर उपमुख्यमंत्री ने स्वागत किया. बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र छोटा है. बैठकें कम हैं. फिर भी विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सभी सदस्यों से सकारात्मक भागीदारी की अपील की है. इसका असर हो सकता है, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच लोकसभा चुनाव में हार-जीत की कसक बनाम खुशियों की अभिव्यक्ति भी होनी है. इस प्रयास में कुल 243 सदस्यों वाले सदन में विधायकों की उपस्थिति अन्य सत्रों की तुलना में कुछ ज्यादा हो सकती है.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सभी राजनीतिक दलों ने इस पांच दिवसीय सत्र को लेकर अपनी तैयारी कर ली है. एक तरफ विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति विपक्ष बना रहा है. वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष के हर संभावित आरोप-प्रत्यारोप का जवाब देने को तैयार है. पांच दिवसीय इस सत्र में कई विधेयक भी इस दौरान पारित होंगे. ऐसे में प्रतिपक्ष की ओर से जनहित के सवालों पर हंगामा भी तय है. लेकिन सबसे बडा सवाल तो यही है कि क्या विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र में तेजस्वी यादव मौजूद रहेंगे? बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस सवाल का जवाब देने वाला भी कोई नहीं है.
बता दें कि इसके पहले बजट सत्र में भी तेजस्वी यादव की भागीदारी नगण्य रही थी. उन्होंने महज तीन दिन ही बजट सत्र में शिरकत की थी. हालांकि सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष की सूची में महज पांच बैठकों वाले सत्र के लिए मुद्दे तो कई हैं, लेकिन सबसे ज्यादा कोशिश सत्ता पक्ष पर तोहमत लगाने और खुद को बेहतर बताने की होगी. राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र के मुताबिक अपराध, भ्रष्टाचार और एनआरसी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को बेनकाब किया जाएगा. बकौल भाई वीरेंद्र, भाजपा और जदयू के हालिया संबंध भी विपक्ष के निशाने पर होंगे. पिछले कुछ महीने से राजग के दोनों बडे दलों के बीच कई प्रमुख मुद्दों पर असहमति है. प्रतिपक्ष की कोशिश इसे उभारने और आम लोगों को इसका अहसास कराने की होगी.
वैसे यहां कहा जा रहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में कई दलों ने अपने प्रमुख नेताओं को स्टार प्रचारक बना रखा है. ऐसे में दोनों तरफ के कुछ प्रमुख नेता सदन से अनुपस्थित भी रह सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लेकर पहले से ही संशय है. बजट सत्र में भी उन्होंने सिर्फ प्रतीकात्मक भागीदारी की थी. पूरे सत्र में सिर्फ तीन दिन. अब जबकि उन्हें झारखंड चुनाव में महत्वपूर्ण भागीदारी निभानी है, तो वह उसमें ज्याद व्यस्त रह सकते हैं. इसी तरह जदयू ने भी अपने कई मंत्रियों को प्रचार के लिए लगा रखा है, जो सत्र के दौरान अनुपस्थित रह सकते हैं. इसतरह से भाजपा, राजद और जदयू सहित कई दलों के नेता झारखंड विधानसभा चुनाव में ज्याद सक्रिये रहेंगे, जिसके चलते सदन में उपस्थिती बहुत ही कम रहने की उम्मीद की जा रही है.