देश भर में वायु प्रदूषण का बुरा हाल है। पराली को लेकर लगातार किसान सुप्रीम कोर्ट की अनदेखी कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हाल और खराब है। दिल्ली के लोग इससे सूझ रहे हैं।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय इलाका भी सूझ रहा है। देश के सबसे प्रदूषित शहर में वाराणसी सबसे आगे है। इसके बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम है। वाराणसी का एक्यूआई 276 है। लखनऊ का एक्यूआई 269 है। हवा की सेहत बिगड़ने के पीछे मौसम में आए बदलाव को कारण माना जा रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के रिकॉर्ड के मुताबिक मंगलवार को लखनऊ का एक्यूआई 269 रिकॉर्ड हुआ। सोमवार को यह 294 था। ऐसे में इसमें सुधार तो आया, लेकिन इसके बाद भी वाराणसी के बाद लखनऊ वायु प्रदूषण में देश में दूसरे नंबर पर है। वाराणसी का एक्यूआई 276 रहा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से अपील की है कि वह फसल काटने के बाद उसके अपशिष्ट (पराली) को खेत में न जलाएं। योगी ने कहा ‘‘ पराली जलाने से भूसे के रूप में आप न केवल बेजुबान जानवरों का हक मारते हैं, बल्कि पराली के साथ ही मिट्टी में मौजूद करोड़ों की संख्या में मित्र बैक्टीरिया और फंफूद जल जाते हैं। इस तरह से इससे पर्यावरण और खेत की उर्वरा शक्ति को स्थाई क्षति पहुंचती है।’’
मुख्यमंत्री ने सम्बंधित विभागों से किसानों को इस बाबत जागरूक करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा ‘‘किसानों में उस तकनीक को लोकप्रिय करें, जिससे पराली जलाने की जगह आसानी से उसको जैविक खाद में बदला जा सके।’’
मथुरा में सैटेलाइट से पकड़ में आए पराली जलाते 49 किसान, आठ को नोटिस
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कृषि विभाग को चार दर्जन से अधिक किसानों द्वारा अगली फसल की बुवाई के लिए खेत तैयार करने से पहले पराली जलाए जाने की जानकारी मिली है। इनमें से कुछ किसानों को नोटिस जारी किया गया है। कृषि अधिकारी ने बताया कि उच्च तकनीकि सहायता से यह पता चला है कि ये किसान अपने खेतों में मौजूद पराली जलाकर नष्ट करने का प्रयास करने के दोषी हैं। इसलिए उनके खिलाफ नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है। पहले चरण में आठ किसानों को चिह्नित कर नोटिस जारी कर दिए गए है और शेष के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार
दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ लेकिन यह अब भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 206 दर्ज किया गया जो सोमवार को 249 था।
सीपीसीबी के सीरी फोर्ट निगरानी केंद्र ने मंगलवार शाम को एक्यूआई 305 (बहुत खराब) दर्ज किया जो शहर में सर्वाधिक है। ऐसा पुरवैया हवा चलने की वजह से हो सकता है जिसने उत्तर पश्चिमी हवाओं के असर को कम किया है। ये उत्तर पश्चिमी हवाएं ही हरियाणा तथा पंजाब में पराली जलने से निकलने वाले धुएं को दिल्ली ला रही हैं।
भारतीय मौसमविज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि पुरवैया हवाओं की वजह से पंजाब और हरियाणा से आने वाले पराली के धुएं पर रोकथाम लग सकती है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में दिवाली के आसपास पश्चिमी विक्षोभ की वजह से वायु गुणवत्ता में और सुधार हो सकता है।