क्या राजनीति में भी डबल रोल निभा पाएंगे शत्रुघ्न सिन्हा?

By एस पी सिन्हा | Updated: April 30, 2019 02:51 IST2019-04-30T02:51:34+5:302019-04-30T02:51:34+5:30

शुरू से अब तक भाजपा के साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्मों की तरह राजनीति में भी सफलता पाई और सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय कर लिया, लेकिन

Will Shatrughan Sinha play double role in politics? | क्या राजनीति में भी डबल रोल निभा पाएंगे शत्रुघ्न सिन्हा?

क्या राजनीति में भी डबल रोल निभा पाएंगे शत्रुघ्न सिन्हा?

फिल्मी पर्दे पर डबल रोल निभाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को चुनावी लड़ाई में भी डबल रोल में आना पड़ा है. पटना में वे पार्टी धर्म को निभा ही रहे हैं, लेकिन लखनऊ में पार्टी धर्म के विपरीत पत्नी धर्म भी निभाना है. ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या फिल्मों की तरह राजनीति में भी शत्रुघ्न सिन्हा डबल रोल निभाएंगे? वह कहते हैं कि लखनऊ में वह पति धर्म निभाएंगे और पटना साहिब में पार्टी धर्म. कल तक जिस भाजपा के साथ रहे, वही भाजपा उन्हें नसीहत दे रही है कि चुनाव में जनता सिर्फ एक चरित्र ही देखना चाहती है. 

यहां उल्लेखनीय है कि शुरू से अब तक भाजपा के साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्मों की तरह राजनीति में भी सफलता पाई और सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय कर लिया, लेकिन 2019 के चुनाव में शॉटगन की पॉलीटिकल स्क्रिप्ट और उनका किरदार दोनों ही बदल चुके हैं. अब शत्रु कांग्रेस के साथ हैं और पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. लेकिन, इसी चुनाव में उनकी पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट से उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लड़ रही हैं. उनके विरोध में भाजपा से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद कृष्णम भी हैं. भाजपा से मोहभंग के बाद कांग्रेस का दामम थामने वाले शत्रुघ्न ने उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को भाजपा के राजनाथ सिंह के सामने खड़ा कर सबको चौंका दिया. देश का राजनीतिक गलियारा तो उससे अधिक तब चौंका जब शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पत्नी और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पूनम सिन्हा के नॉमिनेशन में जा पहुंचे और रोड शो कर समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट अपील कर दी. यही नहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने भी सपा के मुखिया अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद के सबसे योग्य बता दिया. जबकि, कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी पार्टी के घोषित प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं. वह भी तब जब यूपी में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के खिलाफ चुनाव में है और वे कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं. लेकिन, फिर लखनऊ में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ और अपनी पत्नी और समाजवादी उम्मीदवार के लिए वोटरों से समर्थन मांगा. 

शत्रुघ्न के लिए बिहार कांग्रेस में भी सब कुछ ठीक नहीं: शत्रुघ्न सिन्हा के लिए बिहार कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं है और न ही पटना साहिब के जरिए संसद का रास्ता उनके लिए इतना आसान रहेगा. उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेसियों ने सदाकत आश्रम में पहली बार आए अपने ‘शत्रु’ का इतना विरोध किया कि विरोधियों को काबू में करने के लिए पुलिस तक बुलानी पड़ी. ऐसे में पटना साहिब की लड़ाई के बीच कांग्रेसी उम्मीदवार के रोल और लखनऊ जाकर पार्टी धर्म को त्यागकर पतिधर्म निभाने के रोल यानि अपने इस डबल रोल को शॉटगन कितना और किस हद तक निभा पाएंगे कहना मुश्किल है, क्योंकि पिक्चर तो अभी बाकी है.

Web Title: Will Shatrughan Sinha play double role in politics?