क्या पीएम मोदी का कांग्रेस पर इमोशनल अटैक कामयाब होगा?गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं के बयानों के अर्थ-भावार्थ के आधार पर पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस पर इमोश्नल अटैक करने में कामयाब रहे थे और भाजपा के हाथ से निकलती सत्ता को बचा लिया था, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या राजस्थान सहित पांच राज्यों के चुनाव में पीएम मोदी का कांग्रेस पर इमोश्नल अटैक कामयाब रहेगा?
पीएम मोदी के भाषणों से विकास की भाषा कमजोर पड़ गई है, राम मंदिर, धारा 370, गैस-पेट्रोल के दाम जैसे मुद्दे गायब हंै. इन भाषणों में या तो विकास के आंकड़ों से अच्छे दिनों का पेट भरने के प्रयास हो रहे हैं या फिर चायवाला कैसे प्रधानमंत्री बन गया, कांग्रेस पर गांधी परिवार का कब्जा जैसे भावनात्मक सियासी प्रहार हो रहे हैं. इन चुनावों के दौरान भी कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के अलग-अलग अर्थ-भावार्थ निकाल कर- कांग्रेस नेता गालियां दे रहे हैं, जैसे बयानों पर पीएम के भाषण केंद्रित होते जा रहे हैं.
पीएम की सभा में नहीं जुट रही भीड़
राजस्थान में पीएम मोदी के चुनाव प्रचार का पहला चरण शुरू हो रहा है, परंतु इन सभाओं में भीड़ जुटाना एक नई चुनौती है, क्योंकि स्वप्रेरित श्रोताओं की तेजी से कमी होती दिखाई दे रही है. हालत यह है कि इन सभाओं में भाषण खत्म होने तक भी भीड़ को बांधे रखना मुश्किल हो रहा है. झाबुआ, एमपी की पीएम मोदी की सभा आदिवासी क्षेत्र में उनके कम होते असर को दर्शाती है, जहां न तो अपेक्षाकृत भीड़ जुटी और न ही लोग भाषण खत्म होने तक ठहरे. राजस्थान में पीएम मोदी की सभा आदिवासी क्षेत्र में प्रमुख तीर्थ बेणोश्वर में हो रही है. यहां लाखों की भीड़ की उम्मीद जताई जा रही है.