गुवाहाटी: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा है। मीडिया से बात करते हुए बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, यूसीसी का मामला संसद तय करेगा। राज्यों का भी उसमें योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता में कई मुद्दें हैं। लॉ कमीशन और संसदीय कमेटी उसकी समीक्षा कर रही है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने पहले ही कह दिया है कि हम यूसीसी के समर्थन में हैं...असम में हम तत्काल में बहुविवाह को बैन करना चाहते हैं। यहां उन्होंने यूसीसी का विरोध करने वाले नेताओं पर हमला करते हुए कि क्या कोई कांग्रेस का नेता अपनी बेटी ऐसे पुरुष को देगा जिसकी पहले से ही 2 पत्नियां हों? असम सीएम ने कहा, वे (कांग्रेस) मुसलमान महिलाओं का दुख नहीं समझ रहे हैं वे बस मुसलमान पुरुषों के लिए काम करते हैं।
हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार जल्द ही राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक लाएगी। सीएम ने गुरुवार को कहा कि विधेयक को मानसून सत्र में असम विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना है। सीएम सरमा ने कहा, "अगर किसी कारण से हम मानसून सत्र में विधेयक पेश करने में सक्षम नहीं हैं, तो हम इसे जनवरी (शीतकालीन) सत्र में पेश करेंगे।"
यह कहते हुए कि बहुविवाह विरोधी विधेयक "समान नागरिक संहिता का केवल एक खंड" है, सीएम सरमा ने कहा: "यूसीसी एक ऐसा मामला है जिस पर संसद द्वारा निर्णय लिया जाएगा। राज्य भी राष्ट्रपति की सहमति से इस पर निर्णय ले सकते हैं।" ...यह (बहुविवाह विरोधी विधेयक) यूसीसी का केवल एक खंड है। हम असम में बहुविवाह पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहते हैं।"
इससे पहले मंगलवार को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए बहुविवाह बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यूसीसी से महिलाओं को अत्यधिक लाभ होगा क्योंकि इसका मतलब उनके लिए समान संपत्ति अधिकार होगा। सीएम सरमा ने कहा, यह उन्हें सशक्त बनाएगा और पुरुषों के बराबर लाएगा।