कोरोना महामारी ने कई लोगों के घर के कमाने वाले एकमात्र जरिये को छीन लिया। इस वायरस के कारण कई लोगों की जिंदगियां बदल गई है। भारत में कोरोना के कई दिलदहलाने वाले मामले भी सामने आए। जहां एक ही परिवार के कई सदस्यों की जान इस बीमारी ने ले ली। वहीं कुछ ऐसे परिवारों की कहानियां भी सामने आई, जिसे सुनने वाला कोई जिंदा ही नहीं बचा।
कैप्टन हर्ष तिवारी की मौत ने उनके परिवार को बुरी तरह से तोड़ दिया है। कैप्टन हर्ष तिवारी की पत्नी मृदुस्मिता दास तिवारी को अपने पति की मौत का अब तक भरोसा नहीं हो रहा। इन दोनों की एक पांच साल की बेटी भी है, जिसे उसके पिता की मौत की खबर नहीं दी गई है। लिहाजा वह आज भी अपने पिता का इंतजार कर रही है।
एनडीटीवी को दिए अपने इंटरव्यू में मृदुस्मिता दास ने रोते हुए कहा कि अगर उनके पति को केवल एक फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में माना जाता और कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन लगाई जाती तो आज उनका परिवार तबाह नहीं होता। वह अभी पति के अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार में हैं। उनके ससुराल वाले बुजुर्ग हैं और वे रिटायर हो चुके हैं। कैप्तन हर्ष तिवारी ने 2016 में एयर इंडिया ज्वाइन की थी।
बता दें कि पिछले एक साल में कोरोना महामारी के चलते 17 पायलटों की मौत हो चुकी है। उनमें से 13 की मौत अकेले फरवरी 2021 में हुई है। पायलटों की मौत के मामले में पर्याप्त मुआवजे का सरकार की ओर से अब तक कोई योजना नहीं बनाई गई है।