Mohan Bhagwat on Shivling: ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) ने कहा है कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते हैं। शुक्रवार को हुए आरएसएस के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में भागवत ने मुस्लिम और इस्लाम के बारे में बोला है। इस दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन के युद्ध की भी चर्चा की है। जंग में भारत के रूख का भी बयान मोहन भागवत ने किया है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि वे आपस में लड़ाई नहीं चाहते है, बल्कि प्रेम चाहते हैं।
मोहन भागवत ने क्या कहा
इस पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा, ''ज्ञानवापी का मुद्दा है। वो इतिहास हमने नहीं बनाया है। न आज के अपने आप को हिंदू कहलाने वालों ने बनाया, न आज के मुसलमानों ने बनाया। उस समय घटा। इस्लाम बाहर से आया, आक्रामकों के हाथों आया। उस आक्रमण में भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले व्यक्तियों का मनोबल तोड़ने के लिए देवस्थान तोड़े गए, हजारों हैं। ये मामले उठते हैं।''
मुस्लिम के बारे में क्या कहा मोहन भागवत ने
मामले में बोलते हुए मोहन भागवत ने आगे कहा, ''मुसलमानों के विरूद्ध हिंदू नहीं सोचता है। आज के मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। हमने 9 नवंबर को कह दिया कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था, जिसमें हम सम्मिलित हुए। हमने उस काम को पूरा किया। अब हमें आंदोलन नहीं करना है। लेकिन मन में मुद्दे उठते हैं। ये किसी के विरूद्ध नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "मुसमानों को विरूद्ध नहीं मानना चाहिए, हिंदुओं को भी नहीं मानना चाहिए। अच्छी बात है, ऐसा कुछ है तो आपस में मिल बैठकर सहमति से कोई रास्ता निकालें। लेकिन हर बार नहीं निकल सकता तो कोर्ट जाते हैं तो जो कोर्ट फैसला देता है उसको मानना चाहिए।''
हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना?- मोहन भागवत
ज्ञानवापी मामले में आगे कहते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, ''रोज एक मामला निकालना ठीक नहीं है। ज्ञानवापी के बारे में श्रद्धाएं हैं, परंपराएं हैं. ठीक है...परंतु हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है...ठीक है बाहर आई है। लेकिन जिन्होंने इसे अपनाई है, वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते हैं। हमारे यहां किसी पूजा का विरोध नहीं है। सबके प्रति पवित्रता की भावना है।''
इस समापन समारोह में उन्होंने कहा है कि पूरे विश्व में भारत माता की विजयी करानी है। इस दौरान उन्होंने सबको जोड़ कर न की जीतने की बात कही है। वे बोले, “हम किसी को जीतना नहीं चाहते लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग हैं जो हमें जीतना चाहता है। आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए। आपस में प्रेम चाहिए। विविधता को अलगाव की तरह नहीं देखना चाहिए। एक-दूसरे के दुख में शामिल होना चाहिए।”
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की भूमिका पर कही यह बात
मोहन भागवत ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इस जंग मे भारत की भूमिका पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “शक्ति उपद्रवी बनती है। हम देख रहे हैं कि लड़ाई चल रही है। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। लेकिन कोई भी यूक्रेन में जाकर रूस को नहीं रोक सकता क्योंकि रूस के पास ताकत है। भारत ने संतुलित भूमिका अपनाई है। रूस का विरोध भी नहीं किया और लड़ाई का समर्थन नहीं किया।”
उन्होंने इस पर आगे कहा, “भारत अगर पर्याप्त शक्तिशाली होता तो युद्ध को रोक लेता लेकिन भारत अभी इतना शक्तिशाली नहीं है कि युद्ध को रोक सके..भारत की शक्ति अभी बढ़ रही है।”