भारत ने आतंक पर 'एयर स्ट्राइक' के लिए 26 फरवरी ही क्यों चुना? इन संयोग को समझें...

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 27, 2019 10:01 AM2019-02-27T10:01:03+5:302019-02-27T10:01:03+5:30

बदला लेना और बदला श्राद्ध-कर्म समाप्त होने से पहले ले लेना दोनों में आसमान-जमीन का अंतर होता है. भारतीय वायुसेना की ओर से की गई कार्रवाई का भी यही महत्व है.

Why did India choose 26 February for 'Air Strike' on Terror? Understand these things | भारत ने आतंक पर 'एयर स्ट्राइक' के लिए 26 फरवरी ही क्यों चुना? इन संयोग को समझें...

प्रतीकात्मक चित्र

Highlights14 फरवरी को पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमला हुआ, हमारे 40 वीर जवान शहीद हुए.14 फरवरी के हिसाब से देखें तो 26 फरवरी तेरहवां दिन होता है. हमले के लिए बालाकोट को चुनने के पीछे भी भारत की गहरी सूझबूझ है.

इन संयोग को समझें कि 26 फरवरी का ही दिन क्यों? 14 फरवरी को पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमला हुआ, हमारे 40 वीर जवान शहीद हुए. चारों तरफ से एक ही मांग थी कि आतंकवाद को करारा जवाब दिया जाए. ज्यों-ज्यों दिन बीतते गए कार्रवाई होती गई. लेकिन कलेजा ठंडा नहीं हो पा रहा था. 14 फरवरी के हिसाब से देखें तो 26 फरवरी तेरहवां दिन होता है. हिंदू परंपरा के हिसाब से मृत आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं को पीपल पर गंगा जल का अर्पण किया जाता है, जिसके साथ श्राद्ध-कर्म को समाप्त मान लिया जाता है. जल अर्पण का समय अमूमन सुबह के 10 से 12 बजे का होता है. वीर जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए जो कार्रवाई की गई वह बारहवें दिन के अंतिम पहर अर्थात 25 फरवरी की देर रात साढे तीन बजे. 4 बजे तड़के से हिंदू शास्त्र के मुताबिक ब्रह्म मूहूर्त शुरू हो जाता है जिसकी गिनती शहादत के तेरहवें दिन के रूप में की जा सकती है. बदला लेना और बदला श्राद्ध-कर्म समाप्त होने से पहले ले लेना दोनों में आसमान-जमीन का अंतर होता है. भारतीय वायुसेना की ओर से की गई कार्रवाई का भी यही महत्व है.

बालाकोट स्थित आतंकी शिविर: 1999 में विमान अपहरण के बाद आजाद हुआ आतंकी अजहर मसूद ने यहीं अपना पहला कैंप खोला. इसी कैंप में पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड कामरान को ट्रेनिंग दी गई. 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त तेवर को देखते हुए शातिर पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास मौजूद तमाक आतंकी लांच पैड को हटा लिया था ताकि भारत अगर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई तो उसे इच्छित सफलता नहीं मिल सके. मगर भारतीय सैन्यबलों ने 'जोश में होश' का परिचय देते हुए ऐसा कुछ नहीं किया कि दुश्मनों को हंसने का मौका मिले. बल्कि ठीक इसके उलट पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट स्थित उसके सबसे मुफीद आतंकी शिविर को निशाना बनाया.

उन्होंने कहा, आप सबूत दें हम कार्रवाई करेंगे हमने कार्रवाई की वो दुनिया को सबूत को दें पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने धमकी भरे लहजे में कहा कि आप हमें पुख्ता सबूत दें हम कार्रवाई करेंगे. वो शायद ये भूल गए कि 26/11 मुंबई हमले और 000 एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के जो सबूत दिए गए थे उन पर तो कार्रवाई कर न सके आगे क्या खाक करेंगे. इसके जवाब में भारत ने कुछ भी बोलने से बेहतर समझा, कुछ करना. अब अगर भारतीय सुरक्षाबलों के जवाब को समझें तो यह बात सामने आती है कि हमने कार्रवाई की अब पाक दुनिया को सबूत दे कि ऐसा क्यों हुआ.

पाक के लिए गले की फांसः अगर पाकिस्तान यह कहता है कि भारत ने हमारी सीमा में घुसकर कार्रवाई तो दुनिया पूछेगी कि तुम्हारे नागरिकों या सैनिकों को कितना नुकसान हुआ, जिसका जवाब शायद ही पाकिस्तान दे पाएगा. यदि वह यह कहता है कि हमारे यहां के आतंकी शिविर को नष्ट कर दिया गया तो दुनिया पूछेगी कि ऐसा भारत को क्यों करना पड़ा आपने क्यों नहीं की. 2016 के नवंबर में उड़ी सैन्य कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद जब सर्जिकल स्ट्राइक की गई तो पाकिस्तान यह मानने से इनकार किया कि ऐसा कुछ हुआ है. लेकिन इस बार भारत की घोषणा के पूर्व ही पाकिस्तान ने वीडियो जारी कर खुद ही सबूत दे दिया कि भारत ने हमारे घर में घुसकर हमको मारा है.

Web Title: Why did India choose 26 February for 'Air Strike' on Terror? Understand these things

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