रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में नागरिक रक्षा केन्द्र अबतक स्थापित क्यों नहीं हुए: अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

By भाषा | Published: August 31, 2021 02:44 PM2021-08-31T14:44:07+5:302021-08-31T14:44:07+5:30

Why civil defense centers have not been established in Ratnagiri and Sindhudurg yet: Court asks Maharashtra government | रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में नागरिक रक्षा केन्द्र अबतक स्थापित क्यों नहीं हुए: अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में नागरिक रक्षा केन्द्र अबतक स्थापित क्यों नहीं हुए: अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से मंगलवार को जवाब दाखिल करके यह बताने का निर्देश दिया कि प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों में अब तक नागरिक रक्षा केन्द्र स्थापित क्यों नहीं किए गए हैं।अदालत ने कहा कि रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में पिछले कुछ वक्त में कई प्राकृतिक आपदाएं आई हैं और अगर वक्त रहते ये केन्द्र स्थापित हो जाते और इनमें कामकाज शुरू हो जाता तो नागरिकों को वक्त पर और बेहतर बचाव सेवाएं मुहैया कराई जा सकती थीं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने महाराष्ट्र के गृह विभाग के सचिव को दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पीठ राज्य के राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।जनहित याचिका के अनुसार राज्य प्राधिकारों ने 2011 में सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि सहित छह जिलों को ‘कई खतरों वाला क्षेत्र’ घोषित किया था और मुंबई, ठाणे और रायगढ़ सहित छह तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इन केन्द्रों का मकसद शत्रु हमले अथवा चक्रवात, भूकंप, बाढ़, आग, विस्फोट आदि प्राकृतिक आपदा के वक्त लोगों की और संपत्तियों की रक्षा करना और उन्हें सहायता प्रदान करना है। याचिकाकर्ता के वकील राकेश भाटकर ने अदालत को बताया कि इस प्रकार के केन्द्र मुंबई, रायगढ़, पालघर और ठाणे में स्थापित किए जा चुके हैं जबकि रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में इन्हें अभी खोला जाना है। इस पर पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि इस कानून का उद्देश्य ही क्या रह गया जब कुछ ज्यादा संवेदनशील जिलों में ये केन्द्र अभी भी स्थापित किये जाने हैं। हम राज्य के गृह विभाग के सचिव से जानना चाहते हैं कि अभी तक रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में अभी तक ये केन्द्र क्यों नहीं खोले गये और इन्हें स्थापित करने के बारे में सरकार का क्या प्रस्ताव है।

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