बोले शत्रुघ्न सिन्हा-जब कबड्डी मैच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो सकते हैं, तो आगामी चुनाव क्यों नहीं
By रामदीप मिश्रा | Updated: September 16, 2018 15:27 IST2018-09-16T15:27:28+5:302018-09-16T15:27:28+5:30
अभी हाल ही हुई दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संगठन (डूसू) चुनाव में फिर से ईवीएम का मुद्दा उठा और मतगणना के दौरान ईवीएम को लेकर जो हंगामा हुआ उसके बाद चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया।

बोले शत्रुघ्न सिन्हा-जब कबड्डी मैच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो सकते हैं, तो आगामी चुनाव क्यों नहीं
पटना, 16 सितंबरः बॉलीवुड अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने चुनाव कराने की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है और हर बार ईवीएम पर उठने वाले सवाल को लेकर भी हमला बोला है। उनका मामना है कि अगर कबड्डी मैच सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में हो सकते हैं तो फिर चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, 'जब कबड्डी मैच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जा सकते हैं, सर जी, फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आगामी चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते हैं...जब ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर इतना रोना-धोना मचा रहता है।'
When a Kabbadi match can be held under the observation of Supreme Court, Sirji, why can't the future Elections be held under the direct observation of the Honourable SC when there is so much hue & cry about faulty EVMs??
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) September 16, 2018
आपको बता दें, हर चुनाव के बाद विपक्षी पार्टी लगातार ईवीएम पर सवाल उठाती आई हैं। उन्हें संदेह रहता है कि ईवीएम में गड़बड़ी के चलते चुनाव में हार हुई है। हालांकि पार्टियों के ऐसे आरोपों को चुनाव आयोग निराधार बताता रहा है। साथ ही साथ आरोपों को सिद्ध करने की चुनौती भी देता रहा है।
अभी हाल ही हुई दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संगठन (डूसू) चुनाव में फिर से ईवीएम का मुद्दा उठा और मतगणना के दौरान ईवीएम को लेकर जो हंगामा हुआ उसके बाद चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया। आयोग ने इस बाबत ईवीएम बनाने वाली कंपनियों को चिट्ठी लिखी। जिन कंपनियों को चिट्ठी लिखी गई है वो भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रोनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया हैं। इन कंपनियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, चुनाव आयोग ने साफतौर पर इनकार किया कि डूसू में जो ईवीएम इस्तेमाल की गई हैं इसका उससे कोई संबंध नहीं है। इसके बाद आयोग ने दोनों कंपनियों से कहा कि हमारी इजाजत के बगैर किसी संस्था को ईवीएम की सप्लाई ना की जाए।