इंदौर से कौन होगा भाजपा उम्मीदवार, कैलाश भी हटे
By मुकेश मिश्रा | Updated: April 18, 2019 06:01 IST2019-04-18T06:01:47+5:302019-04-18T06:01:47+5:30
अभी तक इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एकाएक चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया

इंदौर से कौन होगा भाजपा उम्मीदवार, कैलाश भी हटे
अभी तक इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एकाएक चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया. यह ऐलान उन्होंने ट्वीट कर किया, जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर पंकज संघवी पर दांव लगाया है. पंकज के आने के बाद विजयवर्गीय का चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय कई तरह की बातों को जन्म दे रहा है.
कुछ दिनों पहले ही विजयवर्गीय ने कहा था कि उनके पास पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. यदि पार्टी कहेगी तो इंदौर से लोकसभा का चुनाव लड़ने को तैयार हूं. उसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि विजयवर्गीय को पार्टी इंदौर से टिकट दे सकती है. हालांकि भाजपा ने अभी तक इंदौर सीट पर फैसला नहीं लिया है. अपने ट्वीट में विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर की जनता, कार्यकर्ता व देशभर के शुभ चिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ, समृद्ध भारत के लिए नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पीएम बनाना है.
पश्चिम बंगाल की जनता मोदी के साथ खड़ी है. मेरा पश्चिम बंगाल में रहना कर्तव्य है. अत: मैंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है. विजयवर्गीय के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिज्ञ पंडितों का कहना है कि विजयवर्गीय अपना पुराना कर्ज चुकाना चाहते हैं. ऐसा बताया जाता है कि किसी समय विजयवर्गीय का साथ और सहयोग संघवी परिवार ने दिया था. वैसे संघवी परिवार का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी घनिष्ठ संबंध हैं.
संघवी इससे पहले भी 1998 में लोकसभा का चुनाव सुमित्रा महाजन के सामने लड़ चुके हैं. करीब 49852 वोट से चुनाव हारे थे. इतना ही नहीं वे 2009 में महापौर का तथा 2013 में इंदौर के पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ चुके हैं. सभी चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.