Satnam Singh Sandhu: कौन हैं सतनाम सिंह संधू?, पंजाब से क्या है संबंध
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 30, 2024 04:20 PM2024-01-30T16:20:17+5:302024-01-30T16:21:52+5:30
Satnam Singh Sandhu: चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के संस्थापक-कुलाधिपति सतनाम सिंह संधू को मंगलवार को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संधू को संसद के ऊपरी सदन के लिए नामित किया है।
Satnam Singh Sandhu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सतनाम सिंह संधू को संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के संस्थापक-कुलाधिपति हैं। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संधू को एक्स की बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतनाम सिंह संधू को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संधू एक प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए नामित किया है। सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है। मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
कौन हैं सतनाम सिंह संधू?
सतनाम सिंह संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं। वह पंजाब के एक किसान के बेटे हैं। वह एक कृषक भी हैं। सतनाम सिंह संधू ने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (सीजीसी) की स्थापना की। 2012 में, उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा था। उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया।
अपने कठिन बचपन के कारण वह बाद में जीवन में एक कट्टर परोपकारी बन गए। वह अक्सर छात्रों की आर्थिक मदद करते रहते हैं। वह जनता के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह देश में सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए दो गैर सरकारी संगठन इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन चलाते हैं।
अधिसूचना में कहा गया है कि किसान के बेटे संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘संधू एक कृषक भी हैं और शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने संघर्ष किया। उन्हें 2001 में मोहाली में ‘चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज’ (सीजीसी) की स्थापना और 2012 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय जाता है।’’ बयान के अनुसार, वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों ‘इंडियन माइनॉरिटीज़ फाउंडेशन’ और ‘न्यू इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन’ के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संधू के राज्यसभा के लिए नामांकन का स्वागत किया। धनखड़ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘सामुदायिक सेवा में उनका समृद्ध कार्य और शिक्षा, नवाचार और सीखने के प्रति उनका जुनून राज्यसभा के लिए ताकत का बड़ा स्रोत होगा। मैं उनके कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राष्ट्रपति ने संधू को राज्यसभा के लिए नामित किया है। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया है। वह विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है।’’ मोदी ने संधू को उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि उन्हें विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी।