भारतीय कोरोना वैक्सीन Covaxin को विश्व स्वास्थ्य संगठन अक्टूबर तक आपातकालीन उपयोग के लिए अप्रूवल दे सकता है। फिलहाल कोवैक्सीन को डव्ल्यूएचओ के द्वारा अभी तक अप्रूवल नहीं मिला था। जबकि वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीन की मंजूरी के लिए सभी जरूरी डेटा को पेश कर दिया था। WHO ने 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी देने से पहले वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक को कुछ तकनीकी सवाल भेजे थे। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत बायोटेक द्वारा दी गई कोवैक्सीन से जुड़ी सभी जानकारी को अच्छी तरह से जांच रहा है। इस प्रक्रिया के बाद ही कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन का अप्रूवल मिलेगा।
बेहद महत्वपूर्ण है WHO की मंजूरी
बता दें कि जब तक कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुमति नहीं मिल जाती तब तक कोरोना की इस वैक्सीन को दुनिया भर के अधिकांश देशों द्वारा स्वीकृत वैक्सीन नहीं माना जाएगा। जिस किसी ने भी कोविड के इस टीके को लगवाया है उनको कई देशों ने अपने यहां यात्रा के लिए इजाजत नहीं दी है। इससे पहले खबर थी कि Covaxin को सितंबर के आखिरी हफ्ते में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा अप्रूवल मिल सकता है। कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक हैदराबाद में स्थित है।
देश में किया जा रहा है इन तीन वैक्सीन का प्रयोग
कोरोना के खिलाफ फिलहाल देश में तीन कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूस की स्पुतनिक V शामिल है। इनमें कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल की इजाजत है। वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने अपने अध्ययन में कोविड-19 के इस टीके को डेल्टा प्लस कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी माना है।