लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रमजान के दौरान सियासी इफ्तार की धूम है। लगभग सभी राजनीतिक दल इफ्तार पार्टियों का आयोजित कर रहे हैं। इसके अलावा सभी पार्टियों के मुस्लिम सांसद और विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रोजा इफ्तार का आयोजन कर रहे हैं। यूपी से सटे बिहार में भी सियासी इफ्तार का आयोजन हो रहा है, लेकिन यूपी में इस बार भी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अभी तक इफ्तार दावत का आयोजन नहीं किया है। इस कारण मुस्लिम समाज की निगाह अखिलेश पर जम गई है और वो टकटकी लगाये यह जानने को बेचैन हैं कि आखिर अखिलेश यादव कब इफ्तार पार्टी का आयोजन करेंगे।
सपा नेताओं के अनुसार अभी तक अखिलेश यादव यह तय नहीं कर पाए हैं कि पार्टी की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाये या नहीं। जबकि यूपी से सटे बिहार में सियासी इफ्तार पार्टी का आयोजन खुलकर किया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन कर उसमें सभी दलों के नेताओं को बुलाया। उसके बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया लेकिन ऐसी कोई पहल उस उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही है, जहां सियासी दल इफ्तार पार्टी का आयोजन करें।
कुछ साल पहले तक यूपी में भाजपा को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दल इफ्तार पार्टी आयोजित करते थे और हर दल के नेता अपने राजनीतिक विवादों को भूल कर इफ्तार पार्टी में शामिल होते थे लेकिन हिन्दुत्व की राजनीति और कोरोना की महामारी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले दलों की हिम्मत तोड़ दी है। यूपी में कभी बढ़चढ़ कर इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाली सपा भी पार्टी मुख्यालय में इफ्तार पार्टी करने की हिम्मत नहीं कर रही है। यह चर्चा जरूर हो रही है कि अखिलेश यादव जल्दी ही सपा की इफ्तार पार्टी का आयोजन करने का फैसला लेंगे।
लेकिन केवल सपा ही नहीं भाजपा, बसपा और कांग्रेस में भी इफ्तार को लेकर अब तक कोई विचार नहीं हो रहा है। कांग्रेस के नेता पार्टी के मुस्लिम नेताओं द्वारा अपने घर पर आयोजित की गई इफ्तार पार्टी में जा रहे हैं। वहीं बसपा मुखिया मायावती ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद इस प्रथा को बंद कर दिया था। अब वह न तो किसी इफ्तार पार्टी में जाती हैं और न ही अपने यहां इफ्तार पार्टी का आयोजन करती हैं। जहां तक भाजपा का सवाल है तो उसके नेता तो इफ्तार पार्टी के बारे में सोचते ही नहीं हैं।
हालांकि निकाय चुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों में मुस्लिम समाज का वोट पाने के लिए भाजपा के नेता मुस्लिम समुदाय को लुभाने के लिए इफ्तार पार्टी के आयोजन की बजाय फ्री राशन वितरण जैसी योजनाओं का लाभ मुस्लिम समुदाय तक पहुंचाने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में अब यूपी में सपा की इफ्तार पार्टी कब होगी? इसे लेकर सपा से जुड़े मुस्लिम समाज के लोगों में उत्सुकता है, सपा नेताओं का कहना है कि जल्दी ही अखिलेश यादव इस संबंध में फैसला लेंगे।