जब गाय का कल्याण होगा, तभी इस देश का कल्याण होगा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा

By भाषा | Updated: September 3, 2021 22:01 IST2021-09-03T21:59:10+5:302021-09-03T22:01:02+5:30

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा, “गाय के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य केवल एक मत, धर्म, संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत देश की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले हर नागरिक का है चाहे वह किसी भी धर्म का हो या उपासना करने वाला हो।”

When there is welfare of the cow only then there will be welfare of this country Allahabad High Court | जब गाय का कल्याण होगा, तभी इस देश का कल्याण होगा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा

जब-जब हम अपनी संस्कृति को भूले, तब तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर हमें गुलाम बनाया।

Highlightsन्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याचिकाकर्ता जावेद की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। गाय की देखभाल में ना लगाकर अपने निजी स्वार्थ में खर्च करते हैं।अफगानिस्तान पर निरंकुश तालिबान का आक्रमण और कब्जे को भी हमें नहीं भूलना चाहिए।

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जब गाय का कल्याण होगा, तभी इस देश का कल्याण होगा और कभी कभी यह देखकर बहुत कष्ट होता है कि गाय के संरक्षण और संवर्धन की बात करने वाले ही गाय के भक्षक बन जाते हैं।

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याचिकाकर्ता जावेद की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जावेद पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वादी खिलेंद्र सिंह की गाय चुराई और उसका वध किया। अदालत ने कहा, “सरकार गौशाला का निर्माण तो कराती है, लेकिन उसमें गाय की देखभाल करने वाले लोग ही उसका ध्यान नहीं रखते। इसी तरह निजी गौशाला चलाने वाले लोग जनता से चंदा और सरकार से सहायता तो ले लेते हैं, लेकिन इसे गाय की देखभाल में ना लगाकर अपने निजी स्वार्थ में खर्च करते हैं।”

साथ ही अदालत ने कहा, “ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां गौशाला में गायें भूख और बीमारी से मर जाती हैं या मरणासन्न अवस्था में हैं। उन्हें जहां रखा जाता है, वहां सफाई नहीं होती। चारे के अभाव में गाय पॉलीथिन खाती है और बीमार हो कर मर जाती है। दूध देना बंद कर देने पर उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में गाय का संरक्षण, संवर्धन करने वाले लोग क्या कर रहे हैं ?”

अदालत ने कहा, “गाय के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य केवल एक मत, धर्म, संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत देश की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले हर नागरिक का है चाहे वह किसी भी धर्म का हो या उपासना करने वाला हो।”

अदालत ने कहा, “ऐसे सैकड़ों उदाहरण हमारे देश में हैं कि जब-जब हम अपनी संस्कृति को भूले, तब तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर हमें गुलाम बनाया। अफगानिस्तान पर निरंकुश तालिबान का आक्रमण और कब्जे को भी हमें नहीं भूलना चाहिए।” 
 

Web Title: When there is welfare of the cow only then there will be welfare of this country Allahabad High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे